कंगना-BMC में आर-पार: बुलडोजर विवाद पर कोर्ट में भिड़े, की गयी ये अपील

बंबई उच्च न्यायालय में अपनी याचिका दायर कर रखी है, जिस पर अपने हलफनामे में बीएमसी ने शुक्रवार को जवाब में कहा कि यह याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

Update: 2020-09-19 04:19 GMT
BMC का हाईकोर्ट में जवाब, सोशल मीडिया से

मुंबई: कंगना रनौत-शिवसेना में विवाद के बीच कंगना के दफ्तर पर बीएमसी की कार्रवाई को लेकर मामला कोर्ट में है। कंगना रनौत ने अपने दफ्तर (बंगला) का कथित अवैध हिस्सा बीएमसी द्वारा ढहाये जाने को लेकर दो करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग करते हुए बंबई उच्च न्यायालय में अपनी याचिका दायर कर रखी है, जिस पर अपने हलफनामे में बीएमसी ने शुक्रवार को जवाब में कहा कि यह याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

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कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग

बीएमसी ने अपने हलफनामे में बॉम्बे हाईकोर्ट से कंगना रनौत की याचिका खारिज करने और ऐसी याचिका दाखिल करने के चलते उन पर जुर्माना लगाने का अनुरोध किया। हलफनामे के के अनुसार रिट याचिका और उसमें मांगी गई राहत कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करती हैं। याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए और इसे जुर्माने के साथ खारिज किया जाना चाहिए।

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तोड़फोड़ की कार्रवाई

बता दें कि 15 सितंबर को रनौत ने अपनी संशोधित याचिका में बीएमसी की कार्रवाई को लेकर मुआवजे के रूप में दो करोड़ रुपये की मांग की थी। इस मामले में अगली सुनवाई अब 22 सितंबर को होगी। जब कंगना शिवसेना के बीच जुबानी जंग चल रही थी, तब 9 सितंबर को बीएमसी ने कंगना रनौत के बंगले में कथित अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए तोड़फोड़ की थी। इसके बाद कंगना रनौत ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद उसी दिन अदालत ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।

बता दें कि कंगना ने सुशांत मामले को लेकर मुंबई पुलिस पर निशाना साधा था उसके बाद से यह विवाद तूल पकड़ने लगा और शिवसेना ने इसे महाराष्ट पुलिस का अपमान मान कर कंगना से जुबानी जंग छेड़ दिया। उसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर बीएमसी की कार्रवाई के बाद थमा, लेकिन अब ये विवाद कोर्ट तक पहुंच गया है।

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