Bollywood King Of Romance: शाहरुख खान और जूही चावला हैं 20 वीं सदी के सबसे जबरदस्त ऑनस्क्रीन जोड़ी
Bollywood King Of Romance: शाहरुख ने जूही के साथ काम करते हुए दुनिया को यह बताया की रोमांस सरसो के खेत या बारिश में नाचने से परे भी हो सकता है।
Bollywood King Of Romance: जब कभी भी जूही चावला (juhi chawla) का जिक्र किया जाता है तो 'चंचल और मस्त' जैसा विशेषण दर्शकों के जहन में आता है। इस शब्द से ऐसे व्यक्तित्व का चित्रण होता है जो आज के परिप्रेक्षय के अभिनेता – अभिनेत्रियां अनुसरण करना चाहतें हैं। एक महिला सुपरस्टार के तौर पर उन्होंने आमिर खान, सलमान खान (Salman Khan), गोविंदा (Govinda), अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और अजय देवगन (Ajay Devgn) जैसे अभिनेताओं के साथ स्क्रीन साझा किया है। रोचक बात यह है की शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के साथ काम करते हुए उनके रिश्ते कुछ ऐसे बने जो आज भी मज़बूत हैं। जूही की यही खासियत रही कि उनका जोश से भरा व्यक्तित्व उनके बॉलीवुड करिअर के साथ साथ निजी जीवन में भी प्रदर्शित हुआ जो 'बादशाह' से काफी मिलता जुलता रहा। शायद यही कारण था जो ये रिश्ता स्क्रीन से निकल कर उनके निजी दोस्ती तक बढ़ चली।
उनकी दोस्ती का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता की जब आर्यन खान जेल गए तब भी जूही ने शाहरुख़ का साथ नहीं छोड़ा। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब हम दोनों को पर्दे पर एक साथ नहीं देख पाते हैं। शायद फ़िल्म इंडस्ट्री का 'एजिज़म' अव्यय हीं वो कारण है जिसके फलस्वरूप इंडस्ट्री इन जोड़ों को अब मौका नहीं देती।
बॉलीवुड 'किंग ऑफ़ रोमांस' (Bollywood King Of Romance)
एसआरके को आज दुनिया 'किंग ऑफ़ रोमांस' के विशेषण से जानती है, और यह रोचक है की जब वे जूही के साथ काम कर रहे थे तब उनको यह उपनाम नहीं मिला था। शाहरुख़ ने जिन जिन अभिनेत्रियों के साथ काम किया है चाहे वो काजोल (shah rukh khan kajol love story) , माधुरी, प्रीति, रानी मुखर्जी या आज के संदर्भ में दीपिका पादुकोण हों, उन सबके साथ उनकी केमिस्ट्री काफी अच्छी रही।
बेशक, काजोल के साथ उनकी ऑन स्क्रीन जोड़ी ने एक के बाद एक दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, कुछ कुछ होता है, कभी खुशी कभी गम, दिलवाले जैसे हिट फ़िल्म दिए हैं। इस बात कि सराहना करण जौहर और यश राज कि भी करनी होगी जो उन्होंने पर्दे पर दिखने वाले इनके बॉण्ड को समझा। शाहरुख़ के 'किंग ऑफ़ रोमांस' वाला उपनाम शायद डीडीएलजे के बाद हीं मिला जो आज तक कायम है।
हालाँकि यह कह सकते हैं की काजोल-एसआरके बॉलीवुड के 90 के दशक की एक सुदृढ़ पहचान बन गए, पर एसआरके और जूही चावला के जोड़ी को उसका वह हक नहीं मिल पाया जिसका वह हकदार था। काजोल की तुलना में शाहरुख और जूही चावला ने एक साथ कई फिल्मों में काम किया। उनकी ऑन स्क्रीन जोड़ी में एक नवीनता थी, इसके साथ साथ पर्दे पर उनके कॉमेडी को भी खूब सराहना मिली।
इस कलाकार ने यस बॉस, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी, राजू बन गया जेंटलमैन, डुप्लीकेट और कभी हां कभी ना जैसे फिल्मों में बढियाँ अभिनय किया। शाहरुख़ – काजोल के फिल्मों के विपरीत, जूही के साथ उनकी फिल्मों में वो 'रोमांस' नहीं दिखता है, पर फ़िर भी सिनेमा घरों से निकलते हुए लोगों के चेहरों पर एक मुस्कान होती थी।
जूही और शाहरुख़ की कॉमेडी (Sharukh khan & juhi chawla Best Comedy Scene)
शाहरुख़ ने जूही के साथ काम करते हुए दुनिया को यह बताया की रोमांस सरसो के खेत या बारिश में नाचने से परे भी हो सकता है। उन्होंने यह बताया की बॉलीवुड के मुख्य धारा कि मेलोड्रामा, भारी डायलॉग और धूम धाम से हटके भी एक रचनात्मक स्टोरी लाइन स्थापित की जा सकती है। आज भी जूही और शाहरुख़ की कॉमेडी दर्शकों के ज़हन में बनी हुई है।
यस बॉस फ़िल्म में शाहरुख़ एक ऐसे व्यक्ति के भूमिका में होते हैं जो अपने बॉस के लिए एक पर्टनर् के खोज़ में होता है। उनकी दोस्ती बेहद अच्छी हो जाती है जब तक वे समझते हैं की वे दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं। राजू बन गया जेंटलमैन में जूही ने शाहरुख को अपने सपनों की नौकरी के साथ सेट किया। उन्होंने केवल यह पता लगाने के लिए यह सब किया की वह अपनी सफलताओं के आलोक में कहीं खुद को खो तो नहीं रहा है।
एक और फ़िल्म 'फिर भी दिल है हिंदुस्तानी' में वे दोनों प्रतिद्वंद्वी पत्रकार की भूमिका में होते हैं, फ़िल्म में दोनों हीं एक न्यूज़ स्टोरी करने के प्रतिस्पर्धा में एक-दूसरे के खिलाफ खड़े होते हैं, और अंततः एक बड़ी संकट का सामना करते हुए दोनों एक साथ आ जाते हैं।
शाहरुख़ और जूही को एक साथ स्क्रीन पर देखने से एक अलग स्टोरी लाइन और आकर्षण की अनुभूति होती है। हमें यह पता होता था की फ़िल्म के अंत में दोनों साथ होंगे पर यह भी जानने की उत्सुकता होती थी की कब और कैसे। 90 के दशक के फिल्मों में बॉलीवुड गीतों और नृत्यों के साथ मज़ेदार कहानी होती थी और और इसके साथ हीं एक्शन का मोड़ इसे एक पूर्णता देती थी।
'बॉलीवुड मेलो'
शाहरुख़ और काजोल की फिल्मों में शाहरुख़ हमारे लिए राज और राहुल बन गए थे। ये किरदार एक शांत और रोमांटिक व्यक्ति था, जो अपने प्यार के लिए कुछ भी कर सकता था। 'कुछ कुछ होता है' फ़िल्म में, राहुल अपने सबसे करीबी दोस्त के लिए अपने अंदर की भावनाओं को आठ साल बाद, एक समर कैंप में चार दिनों के अंतराल में उसे साड़ी में देखकर महसूस करता है।
वहीं डीडीएलजे में, राज नें अविश्वस्निय रूप से अपने प्रेम को पंजाब के एक घर में पाया, और यह वादा किया की वह शादी उसके माता-पिता की सहमति से हीं करेगा। उस वक़्त के परिपेक्ष में हमें एक खूबसूरत रोमांस देखने को मिलता है वहीं आज नारी द्वेषी होने के कारण उनकी फिल्मों को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ता है।वे फिल्में वर्तमान ट्विटर के ज़माने से परे अपने पहले हीं स्क्रीनिंग में अपना छाप छोड़ने में सक्षम होतीं थी।
शाहरुख़ ने खुद भी यह स्पष्ट किया कि उनका कभी भी रोमांटिक हीरो के तौर पर उभरने का इरादा नहीं था। उन्हें यह कभी नहीं लगा की वे एक 'लवर बॉय' के व्यक्तित्व को अपना सकते थें, वे थ्रिलर, एक्शन और कॉमेडी में अधिक सहज थे। हालाँकि बाद के अलग अलग फिल्मों में किरदारों को निभाने के लिए उन्हें कोई विशेष मेहनत नहीं करनी पड़ी।
शायद यही कारण है की जूही चावला के साथ उनकी फिल्मों में उनका समीकरण किसी 'बॉलीवुड मेलो' के बिना हीं हंसमुख और स्वाभाविक लगता था। यह जोड़ी बेहद प्यारी और सरल थी और इसने हमें एक अच्छी हंसी भी दी थी। इससे दुनिया को यह भी पता चला कि जूही को कॉमिक टाइमिंग की सराहनीय समझ है।
खैर, इस नए युग में जब तक जूही और शाहरुख़ एक बार फिर एक साथ में स्क्रीन साझा नहीं करते, तब तक हमारे पास उनकी 90 के दशक की सिनेमा की यादें रहेंगी।