JAN से JULY तक रोजगार में आई करीब 30 लाख की गिरावट, युवाओं में अब जॉब के प्रति आकर्षण हुआ कम

भारत में युवाओं के बीच नौकरी को लेकर नया ट्रेंड स्थापित हुआ है। युवाओं में अब जॉब के प्रति आकर्षण कम हुआ है। शायद यही वजह है कि बेरोजगार युवक फिलहाल नौकरियां नहीं ढूंढ रहे हैं। एक सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (सीएमआईई) के अनुसार, जनवरी 2017 में देश में कुल 40.84 करोड़ लोगों के पास रोजगार था जिनकी संख्या जुलाई 2017 में घटकर 40.54 करोड़ रह गई। यानी सात माह के अंतराल में रोजगार में करीब 30 लाख की गिरावट दर्ज की गई है।

Update:2017-08-11 16:23 IST

नई दिल्ली : भारत में युवाओं के बीच नौकरी को लेकर नया ट्रेंड स्थापित हुआ है। युवाओं में अब जॉब के प्रति आकर्षण कम हुआ है। शायद यही वजह है कि बेरोजगार युवक फिलहाल नौकरियां नहीं ढूंढ रहे हैं।

एक सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (सीएमआईई) के अनुसार, जनवरी 2017 में देश में कुल 40.84 करोड़ लोगों के पास रोजगार था जिनकी संख्या जुलाई 2017 में घटकर 40.54 करोड़ रह गई। यानी सात माह के अंतराल में रोजगार में करीब 30 लाख की गिरावट दर्ज की गई है।

जनवरी 2017 में जॉब ढूंढ़ने वाले बेरोजगारों की संख्या 2.59 करोड़ थी जो जुलाई में घटकर 1.37 करोड़ रह गई। यानी अब बेरोजगारों में नौकरी को लेकर ज्यादा आकर्षण नहीं रहा।

बेरोजगारों में नौकरी के प्रति घटती रुचि

अब सवाल यह उठता है कि बेरोजगार युवकों ने जॉब्स ढूंढ़नी क्यों कम कर दी? इसकी एक वजह तो यह सामने आई है कि अब युवा नौकरी से ज्यादा अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। इनके अलावा सरकारी योजनाओं के कारण भी रोजगार के प्रति नरमी पैदा हो सकती है। मौजूदा केंद्र सरकार ने विभिन्न योजनाओं के जरिए इन्टरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दिया है और शायद इस कारण युवा किसी के नियंत्रण में रहकर नौकरी करने के बजाय अपना छोटा व्यवसाय करना बेहतर समझ रहे हैं।

आधुनिकतम तकनीक से खुद को कर रहे लैस

इनके अलावा एक वजह यह भी हो सकती है कि युवा और अधिक पढ़ना चाहते हों, वो आधुनिकतम तकनीक से खुद को लैस करना चाहते हों क्योंकि हाल के दिनों में नई तकनीक का बाजार ने पुरजोर स्वागत किया है। विकसित देशों में अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि जब मार्केट में स्लो डाउन चल रहा होता है, तब लोग अपने को दोबारा स्किल्ड करते हैं। हो सकता है कि भारत में भी ऐसी ही स्थिति हो।

लेकिन युवा अगर ना तो उच्च अध्ययन की तरफ जा रहे हैं और ना ही इन्टरप्रेन्योर बन रहे हैं। तब इसका मतलब है कि वो कुछ नहीं कर रहे हैं। यानी एक नया ट्रेंड स्थापित हो रहा है जो खतरनाक है। जिन राज्यों में यह ट्रेंड मिला है उनमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और ओडिशा शामिल हैं जो कम विकसित राज्य कहलाते हैं।

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