Hamare Baarah Movie Story: हमारे बारह फिल्म की कहानी में ऐसा क्या है, जिसपर कोर्ट ने लगाई रोक

Hamare Baarah Movie Story: अन्नू कपूर की फिल्म Hamare Baarah लगातार विवादों में घिरने के बाद अब जाकर सिनेमाघरों में हुई रिलीज, जानिए क्या है फिल्म की कहानी

Update:2024-06-13 14:27 IST

Hamare Baarah Movie Review

Hamare Baarah Movie Review:  अन्नू कपूर की फिल्म हमारे बाहर जोकि जून के पहले हफ्ते ही सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी। लेकिन रिलीज से पहले ही फिल्म का मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में पहुँच गया था। जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म को रिलीज करने से पहले उसमें कुछ सीन्स कट करके फिर से रिलीज करने की अनुमति दी थी। जिसके बाद फिल्म 14 जून 2024 को रिलीज होने वाली थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी हैं। चलिए जानते हैं क्या है फिल्म की कहानी 

हमारे बारह फिल्म की कहानी क्या है (Hamare Baarah Movie Story In Hindi)

हमारे बारह' की पृष्ठभूमि उत्तर प्रदेश पर आधारित है। फिल्म हमारे बारह (Hamare Baarah Movie) में एक महिला अपने पिता को अदालत में ले जाती है। ताकि उसकी माँ जो जोखिमपूर्ण गर्भावस्था से गुजर रही हैं। उसको गर्भपात का अधिकार मिल सके। फिल्म की कहानी समाजिक समस्या पर आधारित हैं। लेकिन इसके बावजूद भी फिल्म को कुछ रूढ़ीवादी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है। इस फिल्म की कहानी (Hamare Baarah Movie) महिलाओं के संघर्ष और जनसंख्या नियंत्रण के ईर्द-गिर्द घूमती  हुई नजर आती हैं। 

फिल्म हमारे बारह (Hamare Baarah Movie) ने अपनी साहसिक कहानी और जनसंख्या वृद्धि के संवेदनशील विषय की खोज के लिए महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया है। अन्नू कपूर, मनोज जोशी और परितोष त्रिपाठी अभिनीत हमारे बारह एक विचारोत्तेजक फिल्मी अनुभव का वादा करता है। हमारे बारह फिल्म की कहानी सामाजक के उस पहलू को दर्शाती है, जिसके बारे में तो लोग जानते है, लेकिन कोई इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाता है। फिल्म की कहानी महिलाओं के संघर्ष और बढ़ रही जनसंख्या जैसी सामाजिक विषयों पर प्रकाश डालती है। आप यदि सिर्फ ट्रेलर से ही फिल्म के बारे में ये अंदाजा लगा रहे हैं कि फिल्म की कहानी (Hamare Baarah Movie Story) एक विशेष समुदाय के खिलाफ है तो ये गलत हैं क्योंकि फिल्म की कहानी जनसंख्या नित्रंयण और एक ऐसी महिला उसकी बेटी और बाप की कहानी  हैं, जोकि अपनी माँ को गर्भपात कराने का अधिकार दिलाने के लिए पिता को अदालत तक ले जाती है। फिल्म जनसंख्या वृद्धि के जटिल प्रभावों, इसके सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभावों के बारे में जाँच करती है। जिसका दावा फिल्म के निर्माताओं और फिल्म के कलाकारों द्वारा किया जाता है। 

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