B'day: जंपिंग जैक के नाम से मशहूर कमरतोड़ डांसर का बर्थडे

Update:2016-04-07 13:53 IST

मुंबई: 1970 में जब जितेंद्र कपूर ने ढल गया दिन, ढल गई शाम, जाने दो मुझे जाना है गाने पर सफेद कपड़ों में बैडमिंटन के साथ ठुमके लगाते देखा, तो उस वक्‍त हर कोई आपने आप में जितेंद्र को देखने लगा था। कहते हैं बड़े से बड़े सिंगर के गानों पर ये जिस अंदाज से ठुमके लगाते थे, हर कोई इनका दीवाना हो जाता था। इनके डांस की लड़कियां दीवानी हुआ करती थी। बॉलीवुड में तमाम सितारे की भीड़ में जितेंद्र कपूर के नाम के सितारे की अपनी एक अलग ही चमक है। कहते हैं कि उधर अभिनेता जितेंद्र कपूर अपनी फिल्‍मों में हीरोइनों के साथ ठुमके लगाते थे, वहीं उन्‍हें पर्दे पर देखने वाली लड़कियों के दिलों की धड़कने बढ़ने जाती थी।

जितेंद्र कपूर ने अपने बेहतरीन अभिनय और डांसिंग स्‍टाइल से हर किसी को अपना दीवाना बना दिया था। इन्‍होंने अपनी दिलकश अदाकारी से लोगों के दिलों पर जमकर राज किया और 200 से ज्‍यादा फिल्‍में में अपना हुनर दिखाया। आज जितेंद्र कपूर सिनेमा जगत के एक सफल एक्‍टर, डायरेक्‍टर और प्रोड्यूसर के तौर पर जाने जाते हैं। इनका जन्‍म 7 अप्रैल 1942 में हुआ था। अपने जमाने में चॉकलेटी ब्‍वॉय बनकर दिलों की धड़कने बढ़ाने वाले मशहूर जितेंद्र कपूर के बारे में जानते हैं कुछ खास बातें-

जितेंद्र कपूर

मिडिल क्‍लास से रखते हैं ताल्‍लुक

जितेंद्र कपूर का असली नाम रवि कपूर है। फिल्‍मों में आने से पहले उनका बैकग्राउंड एक मिडिल क्‍लास फैमिली का था। जितेंद्र के पिता आर्टीफिशियल ज्‍वैलरी का काम करते थे। इनके पिता का सपना था कि जितेंद्र फिल्‍मी दुनिया में अपना नाम कमाएं। इसके बाद उस समय के मशहूर निर्देशक शांताराम ने इन्‍हें फिल्‍मी दुनिया में आने की राह दिखाई।

लोग कहते हैं इन्‍हें जंपिंग जैक

जितेंद्र कपूर को सबसे ज्‍यादा उनके डांस ने पहचान दिलाई है। मस्‍त बहारों का मैं आशिक गाने ने इन्‍हें बॉलीवुड की दुनिया में जंपिंग जैक का टैग दिलाया। हिम्‍मतवाला के ताकी ताकी और नैनों में सपना गाने में इनके डांस ने इनकी फैन लिस्‍ट में हजारों की गिनती बढ़ा दी। इन्‍होंने अपने करियर में श्रीदेवी और जया प्रदा के साथ औरों के मुकाबले ज्‍यादा फिल्‍में की हैं।

गाने जिन्‍होंने बढ़ाए जितेंद्र के दीवाने

- आने से उसके आए बहार

- नैनों में सपना, सपने में सजना

- तेरे संग प्‍यार मैं नहीं तोड़ना

- मस्‍त बहारों का मैं आशिक

- ढल गया दिन, ढल गई रात

- शीशा हो या दिल हो

- ताकी ओ ताकी , ओ ताकी ताकी रे

- लिखने वाले ने लिख डाले

- धक धक से धड़कना सिखा दे

- हाय रे हाय, नींद नहीं आए

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