जॉली एलएलबी 2: रियलिटी के करीब रचा गया बेहतरीन फिक्शन
फिल्म जॉली एलएलबी 2 देखकर हमारे फिल्मकारों को सीखना चाहिए कि कैसे रियलिटी के करीब भी मजेदार ढंग से फिक्शन रचा जा सकता है वो भी कम फिल्मी मसालों के साथ...फिल्म जॉली एलएलबी 2 साल की बेंचमार्क फिल्म साबित होगी।
फिल्म- जॉली एलएलबी टू
निर्देशक- सुभाष कपूर
कलाकार- अक्षय कुमार, हुमा कुरैशी, अन्नू कपूर, सौरभ शुक्ला, कुमुद मिश्र, सयानी गुप्ता, संजय मिश्र आदि।
अवधि- 2 घंटे 18 मिनट
रेटिंग- 4/5
प्रशान्त प्रखर
पहली राय
देखिए कैसे हुनर के आगे सब हैरान होते हैं.. कैसे अन्नू कपूर और सौरभ शुक्ला जैसे दिव्य कलाकार हर फ़िल्म को अपनी बेस्ट फ़िल्म बनाने का मौका नहीं चूकते. जॉली एलएलबी 2 अपनी पहली किश्त से कहीं आगे है तो उसकी सबसे बड़ी वजह इसकी बेजोड़ कास्टिंग को माना जाए. ये फेक एनकाउंटर और न्याय व्यवस्था पर मनोरंजक ढंग से सवाल करती है.एक स्टार मैंने बेवजह के गानों के लिए काटा है.
कहानी
फिल्म की कहानी खुलती है..उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से..जहां इंट्रोडक्शन सीन में निर्देशक प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या परीक्षाओं में नकल पर कमाल का कटाक्ष कर फिल्म में आपको दाखिल कराते हैं..यही सीन नये जॉली जगदीश्वर मिश्र यानि अक्षय कुमार के इंट्रोडक्शन का भी है....जॉली, शहर के मशहूर वकील के सेवक की तरह ज्यादा काम करता है और वो अपनी वकालत की दुकान चलाने के लिए हीना यानि सयानी गुप्ता को ये कहकर ठगता है कि शहर के सबसे बड़े वकील उसका केस लड़ने को राजी हैं....इस बात से परेशान होकर हीना अपनी जान दे देती है और अब जॉली हीना को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़कर पश्चाताप करना चाहता है..फेक एनकाउंटर और कोर्टरूम ड्रामा दो एलिमेंट जोड़कर सुभाष कपूर ने कमाल का स्क्रीनप्ले और डायलॉग लिखा है..फिल्म की रफ्तार सिर्फ गानों की वजह से सुस्त पड़ती वरना पूरी फिल्म बेहतरीन है। ये अपने माहौल में इतना बेहतरीन रिसर्च लेकर चल रही है कि लखनऊ.. सेशन कोर्ट.. पुलिस.. वकील.. आम जनता सभी वास्तविक ही लगते हैं... अक्षय बधाई के पात्र हैं जो इस विषय को अपनी स्टारडम से ज़्यादा दर्शकों तक पहुंचा रहे हैं.
अभिनय
फिल्म वैसे तो अक्षय कुमार के कंधों पर बेची जा रही है लेकिन यकीन मानिए ये फिल्म अक्षय के साथ साथ बराबर तौर पर अन्नू कपूर और सौरभ शुक्ला के साथ दर्जन भर किरदारों के दम पर भी दमदार है....अन्नू कपूर कई सीन में अक्की पर भारी हैं तो सौरभ शुक्ला जज के मैनरिज्म को इतना कमाल का पेश कर पाये हैं कि ये उनके करियर के बेहतरीन किरदारों में गिना जायेगा। हुमा कुरैशी ठीकठाक हैं तो कुमुद मिश्र. और संजय मिश्र के साथ बृजेन्द्र काला और इमामुल हक छोटे रोल्स में भी प्रभावित करते हैं।
वर्डिक्ट
फिल्म जॉली एलएलबी 2 देखकर हमारे फिल्मकारों को सीखना चाहिए कि कैसे रियलिटी के करीब भी मजेदार ढंग से फिक्शन रचा जा सकता है वो भी कम फिल्मी मसालों के साथ...फिल्म जॉली एलएलबी 2 साल की बेंचमार्क फिल्म साबित होगी। फिल्म को 5 में से 4 स्टार्स।