Emergency: कंगना की ‘इमरजेंसी’ तभी सर्टिफिकेट जब कई सीन होंगे डिलीट

Emergency: शिरोमणि अकाली दल सहित कुछ सिख संगठनों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद यह फिल्म विवादों में फंस गयी है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-09-26 14:36 IST

Kangana Ranaut film Emergency   (photo: social media )

Emergency: भाजपा सांसद कंगना रानौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ कब रिलीज़ होगी, कुछ तय नहीं है क्योंकि अभी तक इसे सेंसर सर्टिफिकेट ही नहीं मिला है। लेकिन अब सेंसर यानी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया है कि बोर्ड की समीक्षा समिति की सिफारिश के अनुरूप अगर फिल्म में कुछ ‘कट’ लगाए जाते हैं तो "इमरजेंसी" को प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

उलझा हुआ है मामला

इमरजेंसी को पहले 6 सितंबर को रिलीज किया जाना था लेकिन फिल्म की रिलीज के लिए जरूरी प्रमाण पत्र ही नहीं मिल सका। इस फिल्म की डायरेक्टर और को-प्रोडूसर कंगना रानौत हैं और उन्होंने ही फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की मुख्य भूमिका निभाई है। कंगना ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) पर फिल्म के प्रमाणन में देरी करने का आरोप लगाया था।

सिख संगठनों की आपत्ति

शिरोमणि अकाली दल सहित कुछ सिख संगठनों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद यह फिल्म विवादों में फंस गयी है। सिख समुदाय को गलत तरीके से पेश करने और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने का भी आरोप लगाया गया है। पिछले हफ्ते जस्टिस बी पी कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ ने फिल्म के लिए प्रमाण पत्र जारी करने पर निर्णय न लेने के लिए सीबीएफसी को कड़ी फटकार लगाई थी। तब हाईकोर्ट ने कहा था कि सेंसर बोर्ड किसी भी तरह से अपना फैसला नहीं ले सकता है, क्योंकि ऐसा न करने पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगेगा। कोर्ट ने सीबीएफसी को 25 सितंबर तक अपना फैसला लेने का निर्देश दिया था।

दरअसल, फिल्म के सह-निर्माता जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसमें "इमरजेंसी" के लिए सीबीएफसी को प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। आज की कार्यवाही में हाई कोर्ट ने सीबीएफसी से पूछा कि क्या उसके पास फिल्म के लिए "अच्छी खबर" है। सीबीएफसी के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने कोर्ट को बताया कि बोर्ड की पुनरीक्षण समिति ने अपना फैसला ले लिया है। उन्होंने कहा, "समिति ने प्रमाण पत्र जारी करने और फिल्म को रिलीज करने से पहले कुछ कट्स का सुझाव दिया है।" ज़ी एंटरटेनमेंट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील शरण जगतियानी ने इस बात पर निर्णय लेने के लिए समय मांगा कि कट किए जा सकते हैं या नहीं। इसके बाद पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को तय की। ज़ी एंटरटेनमेंट ने अपनी याचिका में दावा किया कि सीबीएफसी ने पहले ही फिल्म के लिए प्रमाण पत्र बना दिया था, लेकिन इसे जारी नहीं कर रहा है। ज़ी एंटरटेनमेंट ने आरोप लगाया था कि राजनीतिक कारणों और हरियाणा में आगामी चुनावों के कारण प्रमाण पत्र रोक दिया गया है। पीठ ने तब आश्चर्य जताया था कि सत्तारूढ़ पार्टी रनौत के खिलाफ कार्रवाई क्यों करेगी, जो खुद एक भाजपा सांसद हैं।

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