मुंबई: संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत काफी विवादों के बीच 25 तारीख को रिलीज हो गई हैं। लेकिन फिल्म के रिलीज के बाद भी करणी सेना का गुस्सा थमनें का नाम नहीं ले रहा है। करणी सेना ने फिर से पद्मावत फिल्म का विरोध करने की बात कही है। इसके साथ ही फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली के सामने एक शर्त भी रख दी। करणी सेना ने शनिवार को कहा कि यदि उसे 'पद्मावत' फिल्म के अधिकार सौंपने के लिए भंसाली राजी होते हैं तो वह इस फिल्म को बनाने पर हुए खर्च का भुगतान करने को तैयार है। साथ ही करणी सेना ने देश में विरोध के दौरान हुईं हिंसक घटनाओं में शामिल न होने की बात कही। करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह काल्वी ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि उनके सदस्यों या किसी भी अन्य क्षत्रिय संगठन का स्कूल बस पर हुए हमले में कोई हाथ नहीं है।
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बुधवार को गुड़गांव में एक भीड़ ने 20-25 बच्चों को ले जा रही एक स्कूल बस पर हमला किया था। फिल्म के विरोध में हिंसक प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। काल्वी ने कहा, 'हम किसी भी प्रकार की जांच, चाहे वह सीबीआई जांच हो या न्यायिक जांच, के लिए तैयार हैं। कोई भी राजपूत ऐसा करने के बारे में सोच भी नहीं सकता। यदि हम वहां मौजूद होते तो हम वह हमला होने नहीं देते।'
उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में हुई हिंसा से उनके संगठन के सदस्यों का कोई लेना-देना नहीं है। अहमदाबाद में मॉलों के बाहर वाहनों में तोड़फोड़ की गई थी। उन्होंने कहा कि इन हमलों के पीछे फिल्म से जुड़े हुए लोगों का हाथ है। काल्वी ने आगे कहा, 'कल हमने कोई प्रदर्शन नहीं किया क्योंकि कल गणतंत्र दिवस था और हम अपने राष्ट्र का सम्मान करते हैं। लेकिन जबतक यह फिल्म सिनेमाघरों से वापस नहीं ली जाती है तबतक हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।'