Laapataa Ladies Review: लापता लेडीज की कहानी हँसाने के साथ देती हैं महत्वपूर्ण संदेश, पढ़े रिव्यू
Laapataa Ladies Review: लापता लेडीज 2001 की ग्रामीण भारत की कहानी है। यह दो युवा दुल्हनों के बारे में है जो एक ट्रेन यात्रा के दौरान अलग हो जाती हैं, पढ़े लापता लेडीज का रिव्यू...
Laapataa Ladies Review: लापता लेडीज की कहानी आपको हँसाते-हँसाते तो लोटपोट कर ही देगी। उसके अलावा ये फिल्म एक महत्वपूर्ण संदेश भी देगी। किरण राव व आमिर खान के डायरेक्शन में बन रही फिल्म लापता लेडीज का जबसे ट्रेलर आया था। तबसे फैंस को फिल्म का इंतजार था। आज फिल्म सिनेमाघरो में रिलीज हो चुकी है। चलिए हम लापता लेडीज के रिव्यू (Laapataa Ladies Review) पर एक नजर डालते है।
Laapataa Ladies Review (लापता लेडीज रिव्यू)-
- नाम- लापता लेडीज
- रेटिंग- 4.5 स्टार
- कलाकार - नितांशी गोयल, प्रतिभा रांटा, स्पर्श श्रीवास्तव, रवि किशन, छाया कदम, गीता अग्रवाल
- निर्देशक - किरण राव
- निर्माता- आमिर खान
- लेखक - स्नेहा देसाई, बिप्लव गोस्वामी
- रिलीज डेट - Mar 01, 2024
- भाषा - हिंदी
किरण राव निर्देशित Laapataa Ladies का निर्माण आमिर खान ने किया है। इस फिल्म के साथ किरण 13 साल बाद निर्देशन के क्षेत्र में कदम रख रही है। फिल्म के किरदारो ने भी फिल्म में एक अलग छाप छोड़ी हैं। बता दे कि Laapataa Ladies दो दुल्हनों के अनजाने में अदला-बदली की कहानी है, लेकिन इसी के साथ Laapataa Ladies ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी को करीब से टटोल जाती है। कई जगह पर इस फिल्म की कहानी आपको झकझोर कर रख देगी। फिल्म उस समय के बारे में बात करती है जब मोबाइल फोन कीमती थे और इंटरनेट और तकनीक ने सब कुछ आसानी से उपलब्ध नहीं कराया था।
आम हिंदी फिल्मों की तरह यहां पर कोई खलनायक नहीं है। पुलिसकर्मी मनोहर (Ravi Kishan) भले ही भ्रष्ट और लालची है, लेकिन चरित्रहीन नहीं हैं। रवि किशन ने इस पात्र को बखूबी निभाया है। वह हर दृश्य के साथ अपना प्रभाव छोड़ते हुए नजर आए है।
तो वहीं दीपक का किरदार निभा रहे स्पर्श ने भी अपने किरदार को बखूबी तरीके से निभाया है। प्रतिभा ने भी पुष्पा का पात्र मनोभावों को बहुत सहजता से आत्मसात किया है। पुष्पा चालाक होने के साथ बुद्धिमान भी है पुष्पा की सच्चाई सामने आने पर वह सहानुभूति बटोरने में कामयाब नजर आती है। तो वहीं नितांशी ने भी अपने किरदार से एक अलग छाप छोड़ी है।
Laapataa Ladies की साधारण-सी कहानी में महिलाओं की आत्मनिर्भरता, शिक्षा, जैविक खेती जैसे मुद्दों के साथ उनकी दिशा और मनोदशा को कहानी में खूबसूरती साथ दिखाया गया है। फिल्म की कहानी कहीं से भी उपदेशात्मक नहीं लगती है।
फिल्म का निर्माण आमिर खान प्रोडक्शंस और किंडलिंग प्रोडक्शंस के बैनर तले किया गया है तो वहीं जिसकी पटकथा बिप्लब गोस्वामी ने लिखी है, जबकि दिव्यनिधि शर्मा ने Laapataa Ladies के अतिरिक्त संवाद लिखे हैं।
Laapataa Ladies Story (लापता लेडीज स्टोरी)-
लापता लेडीज की कहानी (Laapataa Ladies Story) 2001 की ग्रामीण भारत की है। अपना स्ट्रेशन आने पर दीपक (स्पर्श श्रीवास्तव) सो रही अपनी पत्नी फूल कुमारी (नितांशी गोयल) को जगाकर स्टेशन पर उतारता है। दुल्हन बनी फूल कुमारी उसके साथ उतर जाती है। घर पहुंचने पर पारम्परिक रस्मों के दौरान पता चलता है कि दुल्हन की ट्रेन में अदला-बदली हो गई है। बदली दुल्हन देखकर दीपक और उसके स्वजन आश्चर्यचकित हो जाते हैं। बदली हुई दुल्हन अपना नाम पुष्पा (प्रतिभा रांटा) बताती है।
पुष्पा को अपने ससुराल का पता ठीक से पता नहीं होता। जिसके बाद पूरा परिवार अपनी असली बहू फूल की तलाश में जुट जाता है। उधर फूल अपने ससुराल में दूसरे लोगो को देखकर सदमे में आ जाती है। उसे अपने ससुराल के गांव का नाम तक पता नहीं होता। बस इतना याद होता है कि किसी फूल के नाम पर है।
जिसके बाद मामला मनोहर ( रवि किशन) जोकि एक पुलिस वाले का किरदार निभा रहे है। उनके पास पहुँचता मनोहर दीपक की लापता हुई दुल्हन की खोज का पूरा जिम्मा खुद पर लेता है और जाँच-पड़ताल शुरू कर देता है। फिल्म की पूरी कहानी देखने के लिए आप अपने घर के नजदीक मौजूद सिनेमाघरो की तरफ रूख करे।