Lata Mangeshkar: लता मंगेशकर का पहला गाना नहीं हुआ था रिलीज, इसके पीछे थी ये बड़ी वजह
Lata Mangeshkar: कहा जाता है कि लता मंगेशकर के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर गलियारे में बेला खेल रहे थे। तभी उन्होंने नन्ही लता को देखा।
Lata Mangeshkar: आज पूरे देश की आंखें नम हैं। संगीत गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। लता मंगेशकर की मौत से सभी को गहरा धक्का लगा है। लता मंगेशकर को कोरोना हो गया था और उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगेशकर परिवार का मानना है कि लता दीदी ने बचपन में ही अपना संगीतमय झुकाव दिखा दिया था।
कहा जाता है कि लता मंगेशकर के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर गलियारे में बेला खेल रहे थे। तभी उन्होंने नन्ही लता को देखा। 6 महीने की बच्ची मुठ्ठी भर मिट्टी मुंह में डालने वाली थी। उन्होंने वायलिन उठाया और लता को प्यार से रोकना चाहा। लेकिन जिस तरह से लता ने तार बजाया, उनके पिता उन्हें देखकर बिल्कुल हैरान रह गए।
अपनी आवाज के जादू से लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई
हालांकि लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का निधन हो गया है। लेकिन वो और उनके खूबसूरत गाने लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे। क्योंकि लता मंगेशकर ने अपनी आवाज के जादू से लोगों के दिलों में एक खास जगह बना ली है जो कभी नहीं मिटेगी।
बहुत कम लोग जानते हैं कि गायिका लता मंगेशकर ने 5 साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था। लेकिन जब लता मंगेशकर ने पार्श्व गायिका के रूप में फिल्म उद्योग में प्रवेश किया, तो उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था। क्योंकि उस समय लता की आवाज बहुत पतली मानी जाती थी।
गाने का नाम था नाचू या गाड़े
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने हजारों गाने गाए हैं। लेकिन उनके द्वारा गाया गया पहला गाना कभी रिलीज़ नहीं हुआ। गाने का नाम था नाचू या गाड़े। हालांकि, इसके बाद लता मंगेशकर द्वारा जारी गीत "नताली चैत्रची नवलई" को दादा चांडेकर ने संगीत के लिए तैयार किया था। इस फिल्म में एक अभिनेत्री के रूप में लताजी का भी छोटा सा रोल था। लता मंगेशकर के हिंदी गानों के सफर की शुरुआत 1946 में आई फिल्म 'आपका सेवा' से हुई थी। इसमें लतादीदी ने पा लगून कर जोरी गाने की शुरुआत की थी।