Lata Mangeshkar: लता मंगेशकर के निधन पर पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल ने उन्हें श्रद्धांजलि दी, नहीं लिया जायेगा कोई परीक्षा शुल्क
Lata Mangeshkar: लता मंगेशकर मेडिकल फाउंडेशन द्वारा संचालित अस्पताल ने लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि दी है।
Lata Mangeshkar: सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar ka nidhan) का कल निधन हो गया। कोरोना (coronavirus) से ग्रसित, हृदय रोग और उसके बाद निमोनिया के कारण उनका पिछले एक महीने से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज चल रहा था। 92 साल की लता मंगेशकर के निधन पर देशभर में शोक मनाया जा रहा है। मुंबई के राज्य सरकार ने आज सार्वजनिक अवकाश घोषित किया और देश में दो दिन के शोक की घोषणा की। मंगेशकर परिवार द्वारा स्थापित पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि दी गई।
पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल (Deenanath Mangeshkar Hospital) द्वारा लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि (pays tribute) दी जा रही है। इसलिए आज सोमवार, 7 फरवरी को, किसी भी बाह्य रोगी विभाग से कोई परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह जानकारी अस्पताल प्रशासन ने दी है। अस्पताल ने गायिका के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि ((pays tribute to Lata Mangeshkar) देते हुए यह किया है। लता मंगेशकर की मृत्यु पर पूरे देश में शो का माहौल है। खेल जगत, मनोरंजन जगत एवं राजनीति से जुड़े सभी लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। वहीं इस अस्पताल की बात करें, तो यह अस्पताल मंगेशकर मेडिकल फाउंडेशन (medical foundation) द्वारा चलाया जा रहा है।
लता मंगेशकर अस्पताल के छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखतीं
लता मंगेशकर मेडिकल फाउंडेशन की स्थापना 1989 में पांच भाई - बहनों लता मंगेशकर, आशा भोसले, उषा मंगेशकर, मीना खादीकर और हृदयनाथ मंगेशकर ने मिलकर की थी। फाउंडेशन ने बाद में एरंडवाने में म्हात्रे ब्रिज के पास एक अस्पताल बनाया। अस्पताल का नाम भाई-बहनों के पिता दीनानाथ मंगेशकर के नाम पर रखा गया था। लता मंगेशकर डिजाइन से लेकर अन्य छोटी-छोटी बातों तक अस्पताल के कामों में बेसब्री से जुटी रहीं। परिवार का लक्ष्य मरीजों को बिना किसी भेदभाव के सस्ती कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाली नैतिक चिकित्सा देखभाल प्रदान करना है।