लता मंगेशकर: जानिए दस बातें
Lata Mangeshkar Passed Away: लता मंगेशकर कलाकारों के परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता एक थिएटर कंपनी चलाते थे।
Lata Mangeshkar Passed Away: महान भारतीय पार्श्व गायिकाओं में से एक मानी जाने वाली लता मंगेशकर (Singer Lata Mangeshkar), अपनी धुनों के माध्यम से हमेशा जीवित रहेंगी। मोहम्मद रफ़ी (Mohammad Rafi), किशोर कुमार (Kishore Kumar) और मुकेश (Mukesh) के साथ उनके एकल और अमर युगल गीत हिंदी सिनेमा के सबसे यादगार गीतों में से हैं।
स्वर कोकिला के बारे में कुछ फैक्ट्स इस प्रकार हैं
-कलाकारों के परिवार में हुआ था जन्म: लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar Family) कलाकारों के परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता एक थिएटर कंपनी चलाते थे, और लता संगीत के प्यार के साथ बड़ी हुईं। लता और आशा भोंसले ने जब गाना शुरू किया तो उनका उद्देश्य अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाना था। स्टारडस्ट के साथ एक पुराने साक्षात्कार में उन्होंने कहा था - एक बार मेरे पिता ने अपने शागिर्द को एक राग का अभ्यास करने के लिए कहा। मैं पास में खेल रही थी और अचानक उस राग के एक स्वर ने मुझे झकझोर कर रख दिया। और अगले ही मिनट मैं उस राग का अभ्यास करने लगी। जब मेरे पिता लौटे, तो उन्होंने अपनी ही बेटी में एक शागिर्द को पाया।
-लता का पहला गाना फिल्म से हटा दिया गया था: लता ने अपने करियर का पहला गाना "नाचू या गाड़े, खेलो सारी मणि हौस भारी" 1942 में एक मराठी फिल्म (Lata Mangeshkar First song) के लिए रिकॉर्ड किया था। लेकिन दुर्भाग्य से इस गाने को फिल्म के फाइनल कट से हटा दिया गया।
-गाना रिकॉर्ड करते समय बेहोश हो गई थीं: संगीतकार नौशाद के साथ एक बार गाना रिकॉर्ड करते समय लता बेहोश हो गई थीं। उन्होंने एक साक्षात्कार में इसका खुलासा किया था - हम गर्मी की दोपहर में एक गाना रिकॉर्ड कर रहे थे। उन दिनों रिकॉर्डिंग स्टूडियो में एयर कंडीशनिंग नहीं हुआ करती थी। और यहां तक कि अंतिम रिकॉर्डिंग के दौरान सीलिंग फैन को भी बंद कर दिया गया था। बस, मैं बेहोश हो गई।
-कभी अपने गाने नहीं सुने: लता मंगेशकर ने एक बार कहा था कि वह अपने गाने ऐसे नहीं सुनती हैं। क्योंकि उनको लगता था कि उन्हें अपने गायन में सौ दोष मिलेंगे।
-पसंदीदा संगीत निर्देशक मदन मोहन: लता के शब्दों में, उन्होंने जिस सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक के साथ काम किया और जिसके साथ उनका विशेष जुड़ाव था, वह मदन मोहन (Favorite Music Director Madan Mohan) थे। उन्होंने 2011 में कहा था -"मैंने मदन मोहन के साथ एक विशेष रिश्ता साझा किया। ये एक गायक और एक संगीतकार की बजाए एक भाई और बहन का रिश्ता था।"
-राज्यसभा की सांसद: लता का 1999 से 2005 तक एक सांसद (Rajya Sabha MP Lata Mangeshkar) के रूप में एक संक्षिप्त कार्यकाल था। उन्हें 1999 में राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया था। उन्होंने अपने कार्यकाल को एक दुखी दौर बताया था और कहा था कि वह इसके लिए अनिच्छुक थीं।
-लता की ख्याति भारतीय सीमाओं से परे है: लता सिर्फ एक भारतीय गायन किंवदंती नहीं थीं। उनकी सुरीली आवाज के दीवाने दुनिया भर में पाए जाते थे। उन्हें लंदन के प्रतिष्ठित रॉयल अल्बर्ट हॉल में प्रदर्शन करने वाली पहली भारतीय होने का सम्मान प्राप्त है। फ्रांस की सरकार ने उन्हें 2007 में लीजन ऑफ ऑनर के अधिकारी से सम्मानित किया, जो देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।
- गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड: गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के 1974 के संस्करण ने लता मंगेशकर को सबसे अधिक रिकॉर्ड (Guinness World Record) की गई कलाकार के रूप में सूचीबद्ध किया था। लेकिन मोहम्मद रफ़ी ने इस दावे का विरोध किया था। किताब में लता के नाम की सूची बनी रही लेकिन रफ़ी के दावे का भी ज़िक्र किया गया। वर्तमान में, पुलपाका सुशीला ये सम्मान रखती हैं।
-ओपी नैयर के साथ कभी काम नहीं किया: अपने लंबे करियर में लता ने महानतम भारतीय संगीतकारों और संगीत निर्देशकों के साथ काम किया, लेकिन उन्होंने ओपी नैयर के साथ कभी काम नहीं किया।
-आखिरी बार 2015 में गाना रिकॉर्ड किया: अस्वस्थता के कारण लता काफी वर्षों से गायन से दूर थीं। आखिरी बार उन्होंने 2015 में एक नया गाना रिकॉर्ड किया था।