Maidaan Movie Review: रूला देगी आपको Syed Abdul Rahim की कहानी, अबतक की सबसे बेहतरीन मूवी

Maidaan Movie Review Story: अजय देवगन की फिल्म मैदान Syed Abdul Rahim की स्टोरी है, यदि आप बहुत दिनों से एक अच्छी फिल्म की तलाश कर रहे थे तो आपको जरूर देखनी चाहिए ये फिल्म

Written By :  Shikha Tiwari
Update:2024-04-09 12:16 IST

Maidaan Review 

Maidaan Movie Review : अजय देवगन (Ajay Devgn) की फिल्म मैदान जिसका दर्शकों को काफी लंबे समय से इंतजार था। ईंद के अवसर पर सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। मैदान फिल्म की कहानी आपको रूला देगी, इस फिल्म को देखने के बाद आपको एहसास हो कि यदि कोई व्यक्ति कुछ करने की ठान ले और उसके लिए उसके मन दृढ़ संकल्प हो तो वो कुछ भी कर सकता है लेकिन इसके लिए आपको आलोचनाओं से घबराकर पीछे कदम नहीं हटाना है। Syed Abdul Rahim जिनके समय को भारतीय खेल जगत का सवर्णिम युग कहा जाता है। उनके बारे में बहुत कम ही लोग जानते थे लेकिन मैदान फिल्म के मेकर्स ने उनकी कहानी दिखाकर लोगो को एहसास कराया कि भारतीय क्रिकेट की ही तरह फुटबाल को लेकर भी कभी जूनन देखने को मिलता था। हमारे अनुसार अब तक जितनी भी खेल जगत पर फिल्में बनी है, उनमें से Maidaan बेहतरीन फिल्म में से एक है। 

मैदान मूवी रिव्यू (Maidaan Movie Review)-

  • मैदान मूवी रिलीज डेट- 11 अप्रैल 2024
  • कास्ट- अजय देवगन, गजराज राव, रूद्रनील घोष, बहारूल इस्लाम, अमनदीप, मधुर मित्तल, मननदीप सिंह, दविंदर सिंह, प्रियामणी व अन्य
  • निर्देशक- अमित रविन्द्रनाथ शर्मा
  • प्रोड्यूसर- जी स्टूडियों, बोनी कपूर, अरुणावा जॉय सेनगुप्ता, आकाश चाव 
  • लेखक- सैविन क्वाड्रास ,आकाश चावला, अरुणव जॉय सेनगुप्ता
  • स्क्रीन टाइमिंग- 181 मिनट
  • भाषा- हिंदी
  • रेटिंग- 4/5 (Maidaan Movie Rating)
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मैदान मूवी की कहानी ( Maidaan Movie Story In Hindi)-

मैदान फिल्म की कहानी Syed Abdul Rahim जोकि भारतीय फुटबाल टीम के कोच थे, उनकी रियल लाइफ स्टोरी (Maidaan Movie Real Story) है। साल 1952 फिनलैंड के हेलसिंकी में हुए ओलंपिक के दौरान भारत यूगोस्लाविया से एक मैच 10-1 से बुरी तरह हार जाता है। रॉय चौधरी (Gajraj Rao) एक प्रमुख खेल पत्रकार और द इंडियन रेजिनाल्ड के संपादक, भारतीय फुटबॉल टीम की आलोचना करते है। फुटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया, कोलकाता ने टीम के कोच सैयद अब्दुल रहीम ( Ajay Devgn) को बुलाकर इसका स्पष्टीकरण मांगता है। 

अब्दुल रहीम (Syed Abdul Rahim) बताते है कि भारतीय फुटबाल टीम के खिलाड़ियों के पास जूते नहीं है। इसके साथ ही Syed Abdul Rahim कहते है कि उनको भारतीय फुटबाल टीम के लिए खिलाड़ियों का चुनाव करने की आजादी दी जाए। लेकिन फेडरेशन के प्रमुख अंजन (Baharul Islam) रहीम से सहमत है लेकिन कोर कमेटी के सदस्यों में एक, शुभंकर (Rudranil Ghosh) उनसे अधिक बंगाली खिलाड़ियों को शामिल करने के लिए कहते है। रहीम ने अनुरोध अस्वीकार कर दिया और जोर देकर कहते है। रहीम ने अनुरोध अस्वीकार कर दिया है। और वो कहते है कि ये भारतीय टीम है इसलिए पूरे भारत से योग्यता के आधार पर खिलाड़ियों का सेलेक्शन किया जाना चाहिए। 

अंत में सैयद अब्दुल रहीम (Syed Abdul Rahim)  एक नई टीम बनाते है। जिनमें त्रिलोक सिंह(Manandeep Singh), अर्कों दास (Prashanto Singha), जनरैल सिंह(Devinder Singh), पीटर थंगराज (Tejas Ravi Shankar), फोर्टुनाटो फ्रेंको (Madhur Mittal), प्रद्युत बर्मन (Tanmay Bhattacharjee), शामिल है। अरूण घोष (Aman Munshi), चुन्नी गोस्वामी (Amartya Ray), राम बहादुर (Amardeep Thakur) व अन्य

अब्दुल रहीम (Syed Abdul Rahim) ने उन्हें अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया व 1956 के मेलबर्न ओलंपिक व 1960 के रोम ओलंपिक में उन्होंने प्रभावशाली खेल दिखाया है। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा इसलिए फेडरेशन ने एक बार फिर रहीम की आलोचना की, जिसके बाद दसूरी ओर रॉय चौधरी, जो अब्दुल रहीम के प्रति ईर्ष्या रखते है, उनके व भारतीय टीम के खिलाफ अपना एजेंडा फैला रहे है। इसके बाद रहीम को एक बड़ा झटका लगता है, इसके आगले कि पूरी कहानी (Maidaan Movie Story In Hindi)  देखने के लिए आपको सिनेमाघरों की तरफ रूख करना होगा। 

मैदान मूवी रिव्यू (Maidaan Movie Story Review)-

मैदान फिल्म की कहानी (Maidaan Movie Story Review)  काफी दिलचस्प तरीके से लिखी गई है और सबसे बड़ी बात है इतिहास के अहम कोच सैयद अब्दुल रहीम की कहानी (Syed Abdul Rahim Biography) को बहुत कम लोग ही जानते है। इस फिल्म की कहानी ना केवल आपको मैदान पर भी प्रभावित करेगी, अपितु मैदान के बाहर भी इसकी कहानी काफी प्रभावी है। इस फिल्म में अमित आर शर्मा ने खेल के दृश्यों को बहुत-ही बेहतरीन तरीके से प्रदर्शित किया है। 

सैयद अब्दुल रहीम (Syed Abdul Rahim) को जिस राजनीति का सामना करना पड़ता है और वो इन सबसे कैसे बाहर निकलते है व उससे कैसे निपटता है, यह भी काम करता है। इसके साथ ही रहीम की व्यक्तिगत त्रासदी एक और ट्रैक को जो भावनात्मक रूप से फिल्म में योगदान देता है। 

फिल्म (Maidaan Movie Review)  का दूसरा पार्ट, पहले भाग से थोड़ा कमजरो है। इसके साथ ही फिल्म में कुछ दृश्यों व टूर्नामेंटों को पूरी तरह से नहीं दिखाया गया है। जैसे कि- भारत बनाम दक्षिण कोरिया मैच आपको हॉफ टाइम तक ही देखने को मिलेगा। फिल्म देखकर कभी-कभी ऐसा महसूस होगा की फिल्म की कहानी (Maidaan Movie Review) को थोड़ा जल्दी-जल्दी पेश करने की कोशिश की गई है। मैदान मूवी का वो दृश्य जो रोम में भीड़ वेल प्लेड इंडिया के नारे लगाने लगती है, वो दृश्य काफी बेहतरीन है। इसके साथ ही दूबारा मैच में अस्ट्रेलियां टकोच को सैयद अब्दुल रहीम का जवाब ये सब दृश्य मन खुश कर देते है। 

इंटरवल के बाद जहाँ अब्दुल रहीम (Syed Abdul Rahim) की पत्नी सायरा (Amartya Ray) उनको दुबारा फुटबॉल में वापस आने के लिए कहती है, ये सीन भी काफी दमदार है। इसके अलावा वित्त मंत्री मोरारजी देसाई (Zaheer Mirza) से मिलकर वापस आते है। इसके साथ ही फिल्म के अंत में उस समय के भारतीय फुटबॉल टीम के वास्तविक खिलाड़ियों को दिखाया जाता है, जिसे देखकर एक अलग ही खुशी का अनुभव होता है। 

कुल मिलाकर फिल्म मैदान (Maidaan Movie Review In Hindi)  बॉलीवुड की बेहतरीन खेल-आधारित फिल्मों में से एक है, जिसका मनोरम नाटक, मजबूत अभिनय ताली बजाने का मन करेगा। तो वही Ajay Devgn की बेहतरीन एक्टिंग उनको राष्ट्रीय पुरस्कार के योग्य बनाती है। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस (Maidaan Movie Bookmyshow) पर इस साल की सुपरहिट फिल्मों में से एक होगी। 

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