Maithili Biography Hindi: मैथिली ठाकुर, असफलता से हार नहीं मानी – जानिए इनके बारे में

Maithili Biography Hindi: मैथली ने अपने पिता और दादा जी से संगीत सीखा। मैथिली 4 वर्ष की थी तभी इनके दादाजी ने इन्हें संगीत सिखाना शुरू कर दिया था। मैथिली ठाकुर के दादा भी एक संगीत शिक्षक थे।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-03-08 19:17 IST

Maithili Biography Hindi

Maithili Biography Hindi: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर दिल्ली के भारत मंडपम में नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड्स कार्यक्रम में बिहार की मशहूर लोक गायिका मैथिली ठाकुर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड’ से सम्मानित किया है। उन्हें कल्चरल एंबेसडर ऑफ द ईयर अवॉर्ड से नावजा गया है।

आइये जानते हैं मैथली ठाकुर के बारे में

मैथिली का जन्म 25 जुलाई,2000 को बिहार के मधुबनी जिले में स्थित बेनीपट्टी नामक एक छोटे से शहर में हुआ था। उनके पिता रमेश ठाकुर स्वयं एक संगीत शिक्षक हैं।माता भारती ठाकुर एक गृहिणी हैं। मैथली के दो छोटे भाई हैं, जिनका नाम रिशव और अयाची है, जो उनकी बड़ी बहन की संगीत यात्रा का अनुसरण करते हैं, जो तबला बजाकर और गायन में उनका साथ देते हैं।

मैथली ने अपने पिता और दादा जी से संगीत सीखा। मैथिली 4 वर्ष की थी तभी इनके दादाजी ने इन्हें संगीत सिखाना शुरू कर दिया था। मैथिली ठाकुर के दादा भी एक संगीत शिक्षक थे।


अपनी बेटी की क्षमता को महसूस करते हुए और अधिक अवसर प्राप्त करने के लिए मैथली के पिता रमेश ठाकुर ने खुद को और अपने परिवार को दिल्ली शिफ्ट कर लिया। मैथिली और उनके दो भाइयों की शिक्षा दिल्ली के बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल में हुई थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज से ग्रैजुएशन किया। उनकी पढ़ाई के दौरान, तीन भाई-बहनों को उनके पिता ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, हारमोनियम और तबला में प्रशिक्षित किया है। परिवार में मैथिली को प्यार से सब तन्नु, आयाची को हब्बू और सबसे बड़े भाई रिषभ को सन्नी बुलाते हैं। मैथिली को संगीत में पुर्या धनाश्री राग सबसे ज्यादा प्रिय हैं।

संगीत यात्रा

मैथिली 5 बार की दिल्ली राज्य की शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं। मैथिली ठाकुर ने 2016 में 11वीं की पढ़ाई के साथ एक एलबम से अपने संगीत करियर की शुरुआत की। मैथिली की संगीत यात्रा 2011 में शुरू हुई, जब वह ज़ी टीवी में प्रसारित होने वाले लिटिल चैंप्स नामक एक रियलिटी शो में दिखाई दी। मैथिली ने इसके बाद कई शोज के लिए ऑडिशन दिए, पर टॉप 20 तक आकर वह रिजेक्ट हो जाती थी। मैथली ने 6 बार रिजेक्शन का सामना किया पर हार नहीं मानी।


उसने वर्ष 2015 आई जीनियस यंग सिंगिंग स्टार सीजन 2 का खिताब जीता था। जिसके बाद इन्होने इंडियन आइडल जूनियर 2 में भी टॉप 20 में जगह बनाई थी।

राइजिंग स्टार से मिली शोहरत

रियलिटी शो राइजिंग स्टार के माध्यम से मैथली को राष्ट्रीय पहचान मिली जिसमें वह रनर-अप रही थी। शो के शुरुआती दौर से ही, मैथिली में अधिक लोकप्रियता थी, जिसने आसानी से चुनौतीपूर्ण गाने भी गाए थे। 2017 में उन्होंने राइजिंग स्टार के सीज़न 1 में भाग लिया।


मैथिली शो की पहली फाइनलिस्ट थी, उन्होंने ओम नमः शिवाय गाया, जिसने फाइनल में उनकी सीधे प्रवेश किया। वह दो वोटों से हारकर दूसरे स्थान पर रही। शो के बाद उनकी इंटरनेट लोकप्रियता तेजी से बढ़ गई।

भाई भी साथ साथ

मैथली अपने दो छोटे भाइयों ऋषभ और अयाची के साथ देखी जाती हैं। ऋषभ तबले पर साथ हैं जबकि अयाची एक गायक हैं। 2019 में मैथिली और उनके दो भाइयों को चुनाव आयोग द्वारा मधुबनी का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था। मैथली ने 2015 में एक संगीत शो "आई जीनियस यंग सिंगिंग स्टार" जीता और उन्होंने एक एल्बम ‘या रब’ भी लॉन्च किया। मैथिली ने तेलुगु, तमिल, भोजपुरी, मराठी और हिंदी सहित विभिन्न भाषाओं में गाया है।


मैथिली ठाकुर ने पारंपरिक लोक गीतों के साथ-साथ कई ट्रैक्स पर गाए गाए हैं। उनके कुछ हिट गानों में माई री माई, रंगबती और छठ पूजा गीत शामिल हैं। मैथिली ने नगरी हो अयोध्या सी, नवरात्रि के भजन, हरी नाम नहीं तो जीना क्या, पता नहीं किस रूप में आकर, ये तो प्रेम की बात है जैसे भजन गाए हैं। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को पूरी तरह बॉयकॉट कर दिया। उन्होंने तब कहा था कि अब से वो कोई भी फिल्मी गाने नहीं गाएंगी।

सोशल मीडिया

मैथली के फेसबुक चैनल के 90 लाख से अधिक फॉलोअर और यूट्यूब कर 25 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं और इंस्टाग्राम पर उनके 20 लाख से अधिक फालोवर हैं। सिर्फ यूट्यूब के जरिए मैथिली ठाकुर सालाना 50 लाख रुपये कमाती हैं। इसके अलावा वह कई ब्रांड एंडोर्समेंट भी करती हैं।

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