लखनऊ/दिल्ली/पटना/जयपुर/रोहतक: फिल्म 'पद्मावती' को लेकर छिड़ा राजपूताना यद्ध अब और गहरा गया है। बिहार समेत पांच राज्यों में इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाए जीने के बीच ही ब्रिटेन के सेंसर बोर्ड ने इसे बिना काट-छांट के अपनी मंजूरी दे दी है। इधर भारत के सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह फिल्म को लेकर किसी प्रकार की धरना नहीं दे सकता क्योंकि इससे सेंसर बोर्ड के निर्णय पर असर पड़ेगा।
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इसी बीच जयपुर के नाहरगढ़ किले पर एक व्यक्ति का शव मिला है, जिसे इस फिल्म से ही जोड़ कर देखा जा रहा है क्योंकि पास में ही पत्थरों पर लिखा मिला कि 'पद्मावती' का विरोध करने वालों हम सिर्फ पुतले नहीं जलाते हैं। इधर इसी मुद्दे पर हरियाणा में भाजपा के मुख्य मीडिया कोऑर्डिनेटर सूरजपाल अम्मू ने अपने पद से इस्तीफ़ा देकर धमकी दी है कि राजपूत बिरादरी अब और अपमान नहीं सहेगी।
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गुड़गांव से मिली खबर के अनुसार भाजपा नेता अम्मू का कहना है कि दिल्ली में राजपूत करणी सेना और मुख्यमंत्री मनोहरलाल के बीच मुलाकात होनी थी लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष भवानी सिंह, संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अन्य 22 प्रतिनिधि समय से पहुंच गए, लेकिन सीएम पिछले दरवाजे से निकल गए। सीएम के इस तरह चले जाने को बीजेपी नेता सूरजपाल अम्मू ने कहा कि सीएम ने राजपूत बिरादरी का अपमान किया है और राजपूत बिरादरी इसको सहन नहीं करेगी।
उधर जयपुर स्थित नाहरगढ़ फोर्ट पर एक शख्स की लाश लटकी मिली। पास में ही पत्थरों पर लिखा मिला कि पद्मावती का विरोध करने वालों हम सिर्फ पुतले नहीं जलाते हैं। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। कहा कि पद्मावती फिल्म से जुड़ी जो धमकियां पत्थर पर लिखी मिली हैं, वो इसी व्यक्ति से जुड़ी हैं या नहीं, ये कहना मुश्किल है। मृतक का नाम चेतन सैनी (40) बताया जा रहा है, जो शास्त्री नगर इलाके का रहने वाला है। लड़के के पास से मुंबई का एक टिकट भी मिला है।
इस बीच फिल्म 'पद्मावती' की रिलीज पर बिहार सरकार ने भी रोक लगा दी है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जब तक फिल्म डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और विवाद से जुड़े लोग सफाई नहीं देंगे, बिहार में भी फिल्म नहीं चलेगी। बिहार से पहले राजस्थान, यूपी, गुजरात और मध्यप्रदेश सरकारें पद्मावती की रिलीज पर रोक लगा चुकी हैं। नीतीश कुमार ने पद्मावती पर हो रहे विवाद को लेकर रिव्यू मीटिंग की। बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि रानी पद्मावती हमारी धरोहर हैं और उन्होंने खिलजी से प्रेम नहीं किया था। सेंसर बोर्ड इस मामले को देखे। हमें ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।
इधर सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक व बड़े पदों पर बैठे लोगों द्वारा फिल्म पद्मावती के बारे में की जा रही टिप्पणियों पर सख्त नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा है कि जब फिल्म की मंजूरी लंबित है, तो सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों के ऐसे बयान अवांछनीय हैं। वे कैसे कह सकते हैं कि सेंसर बोर्ड फिल्म को पास करे या नहीं? यह फिल्म के बारे में धारणा बनाने जैसा है, जिससे सेंसर बोर्ड का निर्णय प्रभावित होगा। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने विदेश में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग से जुड़ी याचिका खारिज करते हुए कहा कि अदालत ऐसी फिल्म पर पहले से धारणा नहीं बना सकती, जिसे अभी सीबीएफसी से सर्टिफिकेट तक नहीं मिला है।