नई दिल्ली: निर्देशक राजकुमार हिरानी की आगामी फिल्म 'संजू' बॉलीवुड के खलनायक कहे जाने वाले अभिनेता संजय दत्त की जीवनी पर आधारित है। इन दिनों संजय दत्त अपनी बायोपिक से कहीं ज्यादा अपनी पर्सनल जिंदगी को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। क्योंकि हिरानी एक के बाद एक पोस्टर जारी कर संजय के अलग-अलग रूपों को दुनिया के सामने लेकर आ रहे हैं। इस फिल्म में हिरानी संजय के जीवन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात का खुलासा करने वाले हैं। जिसमें उनकी ड्रग्स की लत से लेकर उनकी 308 गर्लफ्रेंड्स और उनके परिवार का हर सदस्य का किरदार अब सिल्वर स्क्रीन पर नजर आने वाला है। इस फिल्म की शूटिंग स्क्रिप्ट लिखे जाने के बाद से संजय की पर्सनल लाइफ सुर्खियों में बनी हुई हैं। आइए जानते हैं संजय दत्त की पर्सनल लाइफ से जुड़े कुछ मजेदार किस्से...
छोटी उम्र में ही हो गए थे गलत संगत के शिकार
दरअसल, संजय दत्त के माता-पिता दोनों ही फिल्म इंडस्ट्री से थे। परिवार के पास पैसे की कोई कमी नहीं थी और माता-पिता दोनों अपने कॅरियर में बिजी थे, इसी दौरान संजय ने कॉलेज जाना शुरू किया और इसी दौरान वे गलत संगत में पड़ गए और उन्हें गांजा और ड्रग्स की लत लग गई।
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पिता को नई थी कोई खैर खबर
जब संजय दत्त को गांजे और ड्रग्स की लत लगी तो उनके पिता सुनील दत्त को कोई खैर खबर नहीं थी, लेकिन उनकी मां नरगिस को इसका एहसास उस वक्त हो गया था जब संजय अपने आपको एक कमरे में कैद रखने लग गए थे।
डेब्यू फिल्म नहीं देख पाईं नरगिस
इधर सुनील दत्त अपने बेटे की डेब्यू फिल्म की तैयारी में लगे थे, उधर नरगिस दत्त की तबीयत बिगडऩे लगी। नरगिस कैंसर से पीडि़त थीं। बात है 1981 की जब संजय की डेब्यू की फिल्म की रिलीज डेट 8 मई निर्धारित की गई। उस दौरान नरगिस को तबीयत बिगडऩे के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां सुनील समेत पूरा परिवार नरगिस की वजह से बहुत टेंशन में था, वहीं नरगिस को बेटे के नशे की चिंता खाए जा रही थी। सुनील दत्त ने फिल्मों के प्रीमियर के लिए घर में ही बने थिएटर में 8 मार्च को नरगिस को फिल्म दिखाने की सोची लेकिन फिल्म देखते-देखते अचानक नरगिस की तबीयत बिगडऩे लगी और उन्हें दूसरे कमरे में लाकर सुला दिया गया। वो अपने बेटे की पहली फिल्म भी नहीं देख पाई थीं हालांकि वो खुश काफी थीं। आखिर 3 मई 1981 को नरगिस ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
मां की मौत पर संजय मांग रहे थे ड्रग्स नरगिस की मौत पर रोने की बजाय संजय दत्त ऐसे मौके पर बहन प्रिया दत्त से चरस मांग रहे थे। क्योंकि वे उस समय संजय को नशे की लत इस कदर लग चुकी थी कि उन्हें पता ही नहीं था कि घर में क्या हो रहा है।
इसके बाद सुनील दत्त ने विदेशी डॉक्टरों से बात की और इलाज के लिए पहले जर्मनी ले गए फिर अमेरिका। इलाज के बाद संजय को पता चला कि उनकी मां का निधन हो गया है जब जाकर वो खूब रोए। इतने रोए कि चार दिन तक लगातार रोते ही रहे।