Aryan Khan drugs case: क्रूज शिप ड्रग मामले में एनसीबी की रिपोर्ट, आर्यन खान सहित कुल 6 को मिली क्लीनचिट

Aryan Khan drugs case: पार्टी में गैर क़ानूनी रूप से ड्रग के इस्तेमाल को लेकर एनसीबी ने आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को हिरासत में लिया था।

Written By :  Rajat Verma
Update:2022-05-27 14:07 IST

आर्यन खान (फोटो: सोशल मीडिया ) 

Aryan Khan drugs case: मुम्बई में साल 2021 के अक्टूबर माह की शुरुआत में एक क्रूज शिप पर जारी ड्रग पार्टी के दौरान एनसीबी ने छापेमारी कर बॉलीवुड स्टार शाहरुख के बेटे आर्यन खान सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद यह मामला देश के सबसे हाई प्रोफाइल मामलों मे दर्ज हो गया था। अब इसी ड्रग-ऑन-क्रूज मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की विशेष टीम ने आर्यन खान को क्लीन चिट दे दी है।

आपको बता दें कि पार्टी में गौरक़ानूनी रूप से ड्रग के इस्तेमाल को लेकर एनसीबी ने आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को हिरासत में लिया था। जिसके बाद मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत ना मिलने के बाद आर्यन खान के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था ,जिसके बाद सबूतों के अभाव और आर्यन खान के पास से ड्रग बरमाद ना होने के चलते सुप्रीम कोर्ट ने आर्यन खान को करीब 1 महीना जेल में बिताने के बाद 30 अक्टूबर को रिहाई दे दी थी।

एनसीबी की चार्जशीट में नहीं आर्यन खान का नाम

एनसीबी ने क्रूज शिप ड्रग मामले में आज अपनी चार्जशीट दायर की है। एनसीबी द्वारा दायर इस चार्जशीट में आर्यन खान का नाम शामिल नहीं है। आपको बता दें कि एनसीबी द्वारा मामले में जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम द्वारा आर्यन खान के खिलाफ सबूत नहीं मिलने की बात कबूली थी।

आर्यन खान के साथ मामले में कुल संभावित 19 आरोपियों में से 6 को क्लीनचिट दे दी गई। ज़ाहिर है कु एनसीबी को अपनी जांच के दौरान इन लोगों के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिले हैं।

एसआईटी द्वारा दाखिल इस हालिया चार्जशीट के चलते एनसीबी की कार्यशैली पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ लोग जांच को सही बता रहे हैं कि वहीं कई अन्य द्वारा हाई प्रोफ़ाइल केस में एनसीबी की भूमिका पर सवाल खड़ा किया जा रहा है। आपको बता दें कि पहले यह मामला एनसीबी के जोनल कमिश्नर समीर वानखड़े के पास था लेकिन कई महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक द्वारा कई तरह के आरोपों और उससे जारी विवाद के बाद जांच की बागडोर दूसरे अधिकारी को स्थानांतरित कर दी गई थी।

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