नई दिल्ली: सेक्स करते समय कई बार सावधानी नहीं बरतने पर प्रेग्नेंसी की समस्या पैदा हो जाती है। इसलिए अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों और कॉन्डम का इस्तेमाल किया जाता है।
हालांकि अब महिलाएं गर्भनिरोध के इन पुराने तरीक़ों को छोड़ नए और आसान तरीके अपना रही है। ऐसा हम नहीं कह रहे है बल्कि इंग्लैंड की नेशनल हेल्थ सर्विस की रिपोर्ट ये बात कह रही है।
क्या कहती है नेशनल हेल्थ सर्विस की रिपोर्ट
इंग्लैंड की नेशनल हेल्थ सर्विस की रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश महिलाएं गर्भनिरोध के नये तरीकों को आजमा रही हैं। 2007 में जहां ऐसी महिलाओं की संख्या 21% थी, वहीं 2017 में ये बढ़कर 39% हो गई।
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि महिलाएं अब रोज़-रोज़ टैब्लेट लेने और कॉन्डम के इस्तेमाल के झंझट से बचना चाहती हैं। इसलिए अव वो लम्बी अवधि तक टिकने वाले गर्भनिरोधक तरीक़े आजमा रही हैं।
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गर्भ निरोधक के नये तरीके
लॉन्ग एक्टिंग रिवरसिबल कांट्रसेप्शन
लंबे समय तक टिकने वाले इन गर्भनिरोधक विकल्पों को 'लॉन्ग एक्टिंग रिवरसिबल कांट्रसेप्शन' कहा जाता है। इन्हें टैब्लेट की तरह रोज़-रोज नहीं लेना पड़ता है। एक बार लगवा लेने से ये लंबे समय तक बॉडी के अंदर ही असर देखने को मिलता है।
आईयूडी
कॉपर कॉइल या इंट्रायूटरिन डिवाइस (आईयूडी) - ये प्लास्टिक और तांबे को मिलाकर तैयार किया एक तरह का उपकरण होता है जिसे डाक्टर महिलाओं के गर्भाशय में लगा देते है।
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आईयूएस
हार्मोनल कॉइल या इंट्रायूटरिन सिस्टम (आईयूएस) - ये देखने में T की तरह दिखता है। इसका आकार काफी छोटा होता है। इसे भी गर्भाशय के अंदर लगाया जाता है। जो एक तरह का हार्मोन छोड़ता है।
इम्प्लांट
ये भी एक तरह का चिकित्सकीय उपकरण है। लेकिन इसे गर्भाशय की बजाए महिला के हाथ में फिट किया जाता है।
इंजेक्शन
बाजार में आज कई तरह के इंजेक्शन मौजूद है। जिनका इस्तेमाल महिलाएं डाक्टरों की सलाह पर खूब कर रही है। जानकारी के मुताबिक़ इन इंजेक्शन का इस्तेमाल प्रेग्नेंसी से बचने के लिए किया जा रहा है।
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