बड़ा झटका: 20 हजार कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को निकालेगा BSNL, ये है वजह...
कर्मचारी संगठन ने BSNL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर पी के पुरवार को लिखी चिट्ठी में कहा है कि, ''कंपनी की वित्तीय स्थिति लगातार खराब होती जा रही है।
नई दिल्ली: कोरोना काल की वजह से बहुत से लोग बेरोजगार हो गए हैं। लोगों को खाने-पीने की काफी दिक्कत हो गयी है। अब इसी बीच खबर आ रही है कि सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL ने अपनी सभी यूनिटों को कम खर्च करने के लिए कहा गया है। जिस वजह से कंपनी के लिए कॉन्ट्रैक्टर वाले कम से कम 20 हजार कर्मचारियों को निकाल सकती है। BSNL कर्मचारी संगठन के अनुसार कंपनी ने 30 हजार कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को पहले ही निकाल दिया है। और तो और इन कर्मचारियों का एक साल से भी ज्यादा का वेतन बचा है।
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VRS स्कीम के बावजूद लगातार खराब हो रही वित्तीय सेहत
कर्मचारी संगठन ने BSNL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर पी के पुरवार को लिखी चिट्ठी में कहा है कि, ''कंपनी की वित्तीय स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। VRS स्कीम लागू होने के बाद से ही इस सरकारी कंपनी की हालत खराब हो रही है। अलग-अलग शहरों में मैनपावर की कमी से नेटवर्क में लगातार दिक्कत बनी रहती है।''
नहीं मिल पा रहा कर्मचारियों को समय पर वेतन
यूनियन ने कहा है कि, ''VRS स्कीम के अंदर बड़ी संख्या में कर्मचारियों के चले जाने के बाद भी मौजूदा कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। पिछले 14 महीनों में 13 कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी वेतन न मिलने के कारण आत्महत्या कर चुके हैं।'' वहीं BSNL ने 1 सितंबर को सभी जनरल मैनेजरों को एक पत्र लिख कर कहा था कि, ''वे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों का खर्चा घटाने की कोशिश करें। उनसे कहा गया था कि ठेके के तहत काम करने वाले कामगारों को कम से कम काम पर लगाया जाए ताकि खर्चा घटे।'' सीएमडी ने कहा है कि ''सभी जनरल मैनेजर अपने-अपने जोन में खर्चा घटाने का रोड मैप तैयार कर भेजें।''
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BSNL एंप्लॉयज यूनियन के जनरल सेक्रेट्री पी अभिमानी ने कहा कि, ''छंटनी की प्रक्रिया के तहत 30 हजार कर्मचारियों को निकाला चुका है। अब खर्च घटाने के आदेश का कम से कम 20 हजार लोगों पर असर पडे़गा।उनकी नौकरियां जा सकती हैं। 2019 में VRS के तहत कम से कम 79 हजार कर्मचारियों को घर बिठाया जा चुका है।''
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