मेमोरी कार्ड असली है या नकली, इन तीन आसान तरीकों से चुटकियों में ऐसे लगाये पता
कई लोगों को नकली मेमोरी कार्ड भी मिल जाता है जो एक बार फॉर्मेट करने के बाद बर्बाद हो जाता है तो चलिए आज हम आपको नकली मेमोरी कार्ड को पहचानने का तरीका बताते हैं।
लखनऊ: वैसे तो आजकल के स्मार्टफोन में 512 जीबी तक की इन-बिल्ट मेमोरी (स्टोरेज) मिल रही है, लेकिन बजट फोन में आज भी स्टोरेज की कमी रहती है।
ऐसे में अपनी जरूरत और सहूलियत के हिसाब से कई लोग स्मार्टफोन में मेमोरी कार्ड या एसडी कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।
बाजार में एक ही कंपनी का मेमोरी कार्ड अलग-अलग कीमत पर मिलता है।
वहीं कई लोगों को नकली मेमोरी कार्ड भी मिल जाता है जो एक बार फॉर्मेट करने के बाद बर्बाद हो जाता है तो चलिए आज हम आपको नकली मेमोरी कार्ड को पहचानने का तरीका बताते हैं।
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पैक मैमोरी कार्ड ही लें
नकली मैमोरी कार्ड खरीदने से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि खुले मैमोरी कार्ड ना खरीदें।
बाजार में लगभग 70 फीसद से ज्यादा कार्ड बिना पैक के बेचे जाते हैं, जिसमे में से काफी नकली निकलते हैं।
ऐसा इसलिए भी क्योंकि तोशिबा, सैनडिस्क और सैमसंग जैसी कंपनियां पैकिंग में कार्ड बेचती हैं।
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कार्ड पर हुआ प्रिंट
असली मैमोरी कार्ड पर लिखा हुआ ब्रैंड का नाम क्लियर प्रिंट होता है जबकि नकली मैमोरी कार्ड में थोड़ा फैला और भद्दा सा होता है। प्रिंट के इस फर्क को गौर से देखने पर पहचाना जा सकता है।
स्टोरेज कैपेसिटी
नकली मैमोरी कार्ड की सबसे बड़ी पहचान है की उसमें बताई गई स्टोरेज कैपेसिटी से कम डाटा स्टोर करने की क्षमता होती है।
इसका मतलब यह की अगर मैमोरी कार्ड 16GB का है तो उसमें 12GB डाटा स्टोर करने की ही क्षमता होगी।
मैमोरी कार्ड खरीदने से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखें। इससे आप नकली कार्ड लेने से बच सकते हैं।
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