पासवर्ड से जुड़ी इस रिसर्च पर दें ध्यान, सुरक्षा के लिए छोड़ दें इसका इस्तेमाल
इंटरनेट की दुनिया में आम आदमी की जानकारियों से छेड़छाड़ के मामले अब स्थिति गंभीर हो चुकी हैं। इसका कारण है आपका पासवर्ड। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के एक नए शोध के मुताबिक दुनियाभर में डाटा से धोखाधड़ी के हर पांच में से चार मामले कमजोर पासवर्ड या फिर पासवर्ड के चोरी होने की वजह से सामने आ रहे हैं।
नई दिल्ली इंटरनेट की दुनिया में आम आदमी की जानकारियों से छेड़छाड़ के मामले अब स्थिति गंभीर हो चुकी हैं। इसका कारण है आपका पासवर्ड। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के एक नए शोध के मुताबिक दुनियाभर में डाटा से धोखाधड़ी के हर पांच में से चार मामले कमजोर पासवर्ड या फिर पासवर्ड के चोरी होने की वजह से सामने आ रहे हैं।
यही नहीं साइबर क्राइम की वजह से 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था को हर मिनट तकरीबन 20 करोड़ रुपये की चपत लगने की आशंका जताई गई है। इसमें से 80 फीसदी अपराध की वजह साइबर क्राइम से संबंधित होगा। विश्व आर्थिक मंच ने 2020 में अपनी सालाना बैठक में इस शोध की रिपोर्ट जारी करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर खुद को और कारोबार को ज्यादा सुरक्षित रखना है तो पासवर्ड से मुक्त होना ही विकल्प होगा।
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शोध में यह भी कहा गया है कि आपकी किसी भी जानकारी को प्रमाणित करने के लिए पिन, पासवर्ड या याद रखने वाली जो भी चीजें हैं, वह लोगों के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुका है। ऐसे पासवर्ड या पिन को बरकरार रखना बड़ा ही चुनौतीपूर्ण है।
शोध के मुताबिक, आईटी हेल्प डेस्क की लागत का तकरीबन 50 फीसदी सिर्फ पासवर्ड रीसेट (दोबारा बनाने) करने में ही खर्च हो जाने का अनुमान जताया गया है। यह कंपनियों पर तकरीबन सवा सात करोड़ रुपये सालाना अतिरिक्त बोझ है।
वैश्विक मंच ने कहा, पासवर्ड नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि हमारी डिजिटल दुनिया में सभी सुरक्षा बाधाओं को हटाना नहीं है। इसके बजाय आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग जैसी नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल करने से यूजर्स का समय और कंपनी का पैसा बचाया जा सकता है।
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इस तरह रखें सेफ पहचान
शोध में कंपनियों को बगैर पासवर्ड के सर्वश्रेष्ठ पांच तकनीक के इस्तेमाल करने की वकालत की गई है। ये हैं बायोमीट्रिक्स (आंख, उंगली आधारित पहचान), बिहैविओरल एनालिटिक्स (व्यवहार आधारित पहचान), जीरो नॉलेज प्रूफ्स (क्रिप्टोग्राफी में इस्तेमाल), क्यू आर कोड्स (बार कोड आधारित) और सिक्यूरिटी कीज (दो तरह के कारकों पर आधारित पहचान प्रणाली से संबंधित उपकरण)।