यूजर्स को तगड़ा झटका: और बढ़ेंगी कॉल दरें, कंपनियां लेंगी बड़ा फैसला

उपभोक्ताओं को टेलीकॉम कंपनियां बढ़ा झटका देने वाली है। एयरटेल-वोडाफोन समेत तमाम कम्पनियां अपनी अपनी कॉल दरें और इंटरनेट पैक का रेट बढ़ा सकती हैं।

Update: 2020-02-15 07:34 GMT

लखनऊ: उपभोक्ताओं को टेलीकॉम कंपनियां बढ़ा झटका देने वाली है। एयरटेल-वोडाफोन समेत तमाम कम्पनियां अपनी अपनी कॉल दरें और इंटरनेट पैक का रेट बढ़ा सकती हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों को एजीआर का भुगतान करने को लेकर फटकार लगाई थी। जिसके बाद कोर्ट ने मार्च तक बकाया भुगतान करने का अल्टीमेटम दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि कंपनियां दरें बढ़ा सकती हैं।

टेलीकॉम कम्पनियों की बढ़ी मुश्किलें

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार को 1.47 लाख करोड़ रुपये का बकाया नहीं देने को लेकर दूरसंचार कंपनियों को फटकार लगाई और इन सभी कंपनियों को समय पर एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) का भुगतान करने के आदेश दिए हैं। कंपनियों को 1.47 लाख करोड़ रुपये जमा करने को कहा था। इन टेलीकॉम कंपनियों में एयरटेल पर वोडाफोन का भी नाम है।

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सभी सिम कंपनियां बढ़ाएंगी दरें:

वहीं ये कंपनियां पहले से ही घाटे में चल रहीं है। बता दें कि वोडाफोन और आइडिया लगातार तीन साल से अपने बैलेंसशीट में घाटा दिखा रहे हैं। पिछले साल की सितंबर तिमाही में कंपनी ने 50,922 करोड़ का घाटा दर्ज किया। ये भारत के कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घाटा था।

इसके अलावा एयरटेल की हालत भी खराब है। दिसंबर में एयरटेल का कैश और बैंक बैलेंस 10206 करोड़ रुपये था, जबकि इसकी कुल देनदारी 1.15 लाख करोड़ रुपये थी।

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ऐसे में ये कंपनियां भुगतान को लेकर ग्राहकों पर बोझ भी बढ़ा सकती है। बता दें कि इससे पहले कंपनियों के एक नियम के तहत हर महीने एक वैलिडिटी पैक करवाना अनिवार्य कर दिया गया था। ऐसा न किये जाने पर पहले आउटगोइंग और फिर इनकमिंग की सुविधा बंद कर दी जाती है।

एयरटेल ने 10 हजार करोड़ का बकाया भुगतान करने का किया ऐलान:

हालाँकि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद एयरटेल ने ऐलान कर दिया है कि वह 20 तारीख तक अपना बकाया भुगतान चुका देगा। एयरटेल ने 10 हजार करोड़ का भुगतान करने की बात कही है। गौरतलब है कि टेलिकॉम कंपनियों पर कुल 92 हजार करोड़ रुपये का बकाया है, जिसे चुकाने की तारीख 17 मार्च है।

क्या है AGR

बता दें कि AGR संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला यूसेज और लाइसेंसिग फीस है।

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