इंटरनेट बैंकिंग: इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो अकाउंट से गायब हो सकता है पैसा
ऑनलाइन बैंकिंग और टेक्नोलॉजी का विस्तार होने की वजह से पैसों के लेनदेन आसान हो गया है। हालांकि बैंकिंग सेवा जितनी आसान हो गई है और उतना ही फ्रॉड बढ़ गया है। इसलिए ऐसी सुविधाओं का इस्तेमाल बड़ी सूझबूझ और सतर्कता के साथ करना चाहिए।
नई दिल्ली: ऑनलाइन बैंकिंग और टेक्नोलॉजी का विस्तार होने की वजह से पैसों के लेनदेन आसान हो गया है। हालांकि बैंकिंग सेवा जितनी आसान हो गई है और उतना ही फ्रॉड बढ़ गया है। इसलिए ऐसी सुविधाओं का इस्तेमाल बड़ी सूझबूझ और सतर्कता के साथ करना चाहिए। इनसे बचने के लिए आईए बताते हैं कुछ टिप्स।
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-इटंरनेट बैंकिंग का पासवर्ड याद रख लेना चाहिए। आपको अपने पासवर्ड को किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए। इटंरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल हमेशा अपने कंप्यूटर पर सिक्योर नेटवर्क के साथ करना चाहिए। पब्लिक कंप्यूटर या असुरक्षित नेटवर्क से इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कंप्यूटर कीबोर्ड की जगह डिजिटल कीबोर्ड का उपयोग करना बेहतर है। इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग करने के बाद वेबसाइट से लॉग-आउट करना कभी नहीं भूलना चाहिए।
-चेकबुक में साइन किया हउआ हुए चेक कभी नहीं रखना चाहिए। चेकबुक को हमेशा सुरक्षित जगह रखना चाहिए। इसके साथ ही न ही किसी को बिना ब्योरा भरे साइन किया हुआ चेक देना चाहिए। रिकॉर्डिंग स्लिप पर जारी किए गए चेक का ब्योरा दर्ज करें।
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-क्रेडिट/डेबिट कार्ड के लेनदेन की जांच करते रहना चाहिए। क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लेनदेन पर नजर बनाए रखना महत्वपूर्ण है। एसएमएस या ईमेल अलर्ट को सेट करने से किसी ट्रांजेक्शन पर नोटिफिकेशन मिलता है। इससे लेनदेन को ट्रैक करने में मदद मिलती है।
-अगर किसी को फ्रॉड का संदेह होता है तो उसे हफ्ते भर के अंदर इसके बारे में बैंक/कार्ड जारी करने वाले को बताना चाहिए। कार्ड ब्लॉक करने के बाद इसके बारे में बैंक में औपचारिक रूप से लिखित शिकायत करनी चाहिए। पुलिस में भी शिकायत कर देनी चाहिए। इस शिकायत को फिर साइबर क्राइम सेल में भेजा जा सकता है।
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इंटरनेट इस्तेमाल करते समय ब्राउजर में अगर पासवर्ड सेव करने का मैसेज दिखता है तो वह विकल्प बिल्कुल न अपनाएं। नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते समय संदेहास्पद वेबसाइट और ऐप से बचना चाहिए। पब्लिक वाई-फाई और VPN साॅफ्टवेयर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।