Gujrat : आयुष्मान योजना के लाभ के लिए 19 लोगों की जबरन एंजियोप्लास्टी, दो की मौत, सरकार ने दिए जांच के आदेश
Gujrat News : आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ लेने के लिए अहमदाबाद के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल पर 19 लोगों की जबरन एंजियोप्लास्टी करने का आरोप है।
Gujrat News : आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ लेने के लिए अहमदाबाद के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल पर 19 लोगों की जबरन एंजियोप्लास्टी करने का आरोप है। इलाज के दौरान दो मरीजों की मौत भी हो गई है। इस मामले के सामने आने के बाद गुजरात सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत जरूरतमंद लोगों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपए तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है।
गुजरात में अहमदाबाद के बोडकदेव इलाके में स्थित ख्याति मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया और स्टेंट लगाने के बाद दो व्यक्तियों - नागरभाई सेनमा (59) और महेश बारोट (45) की मौत हो गई। इसके बाद उनके परिजन और रिश्तेदार अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इसके साथ परिजनों ने दावा किया कि दोनों व्यक्ति पहले स्वस्थ थे। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सरकार से चिकित्सा बिल जमा करने के लिए जल्दबाजी में एंजियोप्लास्टी की है।
दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
इस मामले के सामने आने के बाद गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने कहा कि यह कथित घटना बहुत गंभीर है। उन्होंने पूरी घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि आरोपों में कोई तथ्य या चिकित्सा लापरवाही के सबूत पाए गए, तो अस्पताल और इसमें शामिल डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रारम्भिक जांच में सामने आया है कि अस्पताल ने रविवार को गुजरात के मेहसाणा जिले के काडी तालुका के बोरिसाना गांव में निःशुल्क चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन किया था। इस दौरान 19 ग्रामीणों को एंजियोग्राफी कराने के लिए कहा था। इसके बाद सात मरीजों की एंजियोप्लास्टी की गई और स्टेंट भी लगाया। इनमें से दो लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर लगाने के बारे में जल्द ही एसओपी जारी की जाएगी।
अंधेरे में रखने का लगाया आरोप
पूर्व राज्य स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल भी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने 12 अन्य मरीजों से बातचीत की। उन्होंने मुझे बताया कि उनके रिश्तेदारों को भी सर्जरी के बारे में पता नहीं था। उन्हें लगा कि केवल जांच के लिए लाया गया है। उन्होंने डॉक्टरों के निर्देश पर एक फॉर्म पर हस्ताक्षर किए थे। मरीजों के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अनुचित लाभ लेने के लिए अस्पताल ने जल्दबाजी में ऑपरेशन किया ओर सभी को अंधेरे में रखा।