Fake Indian Currency: गुजरात में 317 करोड़ के नकली नोट जब्त, जानें क्या है मामला
गुजरात की आर्थिक राजधानी सूरत में फेक करेंसी रन करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने 317 करोड़ रूपये के जाली नोटों के साथ 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।
Fake Indian Currency: नोटबंदी के बाद भी देश के कई हिस्सों से फेक इंडियन करेंसी (Fake Indian Currency) पकड़ाने की खबरें आती रही हैं। मंगलवार को गुजरात की आर्थिक राजधानी सूरत में फेक करेंसी (Fake Indian Currency IN Surat) रन करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने 317 करोड़ रूपये के जाली नोटों के साथ 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 67 करोड़ रूपये के 500 और 1000 के पुराने नोट भी हैं, जिन्हें नोटबंदी के बाद अवैध घोषित कर दिया गया था।
काले धन को सफेद में बदलने का झांसा देकर इकट्ठे किए थे पैसे: SP
सूरत के ग्रामीण एसपी एचएच जॉयसर ने बताया कि आरोपियों ने लोगों के काले धन को सफेद में बदलने का झांसा देकर ये पैसे इकट्ठे किए थे। इन्होंने लोगों को मोटे कमीशन के बदले ट्रस्ट औऱ कंपनी के जरिए उनके पुराने नोट बदलने और काले धन को जमा करने का झांसा दिया था। वहीं, इस गिरोह के मास्टरमाइंड माने जाने वाले विकास जैन को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया है।
एंबुलेंस से बरामद हुए थे 25 करोड़ के नकली नोट
गौरतलब है कि सूरत पुलिस को नकली नोट के धंधे की गुप्त जानकारी मिली थी। पुलिस को पिछले हफ्ते यानी 29 सितंबर को अहमदाबाद से मुंबई की तरफ जाने वाली हाईवे पर पारडी गांव के पास एक एंबुलेंस की छानबीन करने के बाद उसमें से नकली नोटों से भरा छह बक्शा मिला। नकली नोटों का आंकड़ा 25 करोड़ रूपये से कुछ अधिक ही था। एंबुलेंस जामनगर की एक दीकरी एज्यूकेशन चैरिटेबल ट्रस्ट की थी।
पुलिस ने जब इसके बारे में ड्राइवर हितेश परशोत्तम भाई कोटड़िया से पूछा तो उसने बताया कि दो-दो हजार के ये नकली नोट फिल्मों में इस्तेमाल होने के लिए ले जा रहे थे। लेकिन पुलिस को इस पर भरोसा नहीं हुआ। ड्राइवर हितेश को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस को उसके घर से भी 52 करोड़ रूपये के नोट मिले। पुलिस की सख्ती के बाद उसने मास्टरमाइंड विकास जैन का नाम उगल दिया। वीआरएल लॉजिस्टिक आंगड़िया कंपनी के मालिक जैन को पुलिस ने मुंबई से अरेस्ट किया।
विकास जैन से पूछताछ के दौरान पुलिस को इस गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी मिली, जिन्होंने दान देने के नाम पर लोगों के साथ नकली नोटों के बहाने असली नोट लेकर धोखाधड़ी की थी। पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह ने कई लोगों को चूना लगा दिया है। इनका अगला शिकार सूरत का एक बड़ा काराबोरी था लेकिन उससे पहले ही कानून के हत्थे चढ़ गए।
सूरत पुलिस के साथ जांच में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और बैंकर्स की टीम भी शामिल है। मालूम हो कि नकली नोटों पर रिवर्स बैंक ऑफ इंडिया लिखा हुआ था।
पुलिस ने 6 आरोपियों किया अरेस्ट
अब तक पुलिस ने जिन 6 आरोपियों को अरेस्ट किया है, वे हैं - हितेश परशोत्तम भाई कोटड़िया, विकास पदम चंद जैन, दीनानाथ रामनिवास यादव, अनुश वीरेंद्र शर्मा, विपुल हरीश पटेल और दिनेश लालजी भाई पोशिया। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है और संभवतः ये नोटबंदी से भी पहले से ऑपरेट हो रहा होगा। जिस प्रिटंर से नोट छापे जा रहे थे, पुलिस अब उसकी तलाश में जुटी हुई है। पुलिस ने इस मामले की जांच और इस पूरे प्रकरण से जुड़े लोगों की तलाशी के लिए दो टीमों का गठन किया है।