Farmers Protest in Yamuna Nagar: भाजपा नेताओं पर भड़के किसान, तोड़ी बैरिकेडिंग, पुलिस से हुई झड़प
Farmers Protest in Yamuna Nagar: हरियाणा के यमुना नगर में किसानों (Kisan) और पुलिस (Police) के बीच झड़प हो गई।
Farmers Protest in Yamuna Nagar: हरियाणा के यमुना नगर में किसानों (Kisan) और पुलिस (Police) के बीच झड़प हो गई। दरअसल हरियाणा के यमुना नगर में किसानों ने नए कृषि कानूनों को प्रस्तावित भाजपा की बैठक (BJP Meeting) के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए, जिसके बाद किसान बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए आगे बढ़ गए। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़प (Clashes between Farmers and Police) हो गई।
आपको बता दें कि आज (10 जुलाई) यमुनानगर में भाजपा की बैठक थी, जिसमें हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा (Mool Chand Sharma) सिरकत करने वाले वाले थे। सूचना ही मिलते ही किसानों ने कृषि कानूनों को लेकर मंत्री मूलचंद शर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान भाजपा नेताओं को किसानों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। तभी नाराज किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगे, जिसके बाद किसानों और पुलिस कर्मियों बहस करने लगे। बहसबाजी होते हुए दोनों पक्ष एक-दूसरे के सामने आ खड़े हुए। थोड़ी देर बाद ही दोनों पक्षों में झड़प शुरू हो गई।
बिलासपुर के डीएसपी (DSP) आशीष चौधरी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया, ''कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा का यहां रामविलास भवन में आगमन था और उनकी बैठक थी। यहां स्थानीय नेता भी आने वाले थे। किसानों ने अपील की थी कि हम इनका विरोध करेंगे और किसी भी कीमत पर ये कार्यक्रम नहीं होने देंगे। लेकिन पुलेकिन पुलिस ने सफलतापूर्वक कार्यक्रम को अंजाम दिया।"
डीएसपी ने आगे बताया, "पुलिस और किसानों का आमना-सामना तब हुआ, जब कुछ लोगों ने पुलिस के बैरिकेड्स पर ट्रैक्टर चढ़ाया रहे थे। किसान नेताओं से बात किया गया है तो उन्होंने कहा कि हम इसके लिए माफी मांगते हैं, हमारे बीच में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो बात नहीं मानते हैं। कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसानों ने गिरफ्तारियां दी हैं।" डीएसपी ने आश्वासन दिया है कि पुलिस बैरिकेडिंग को ट्रैक्टर से टक्कर मारने वालों के खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।
मीडिया से रूबरू हुए राकेश टिकैत
बताते चलें कि झड़प से पहले किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा, "मैंने ये नहीं कहा था कि हमने यह नहीं कहा था कि हम संयुक्त राष्ट्र में नए कृषि बिलों का मुद्दा उठाएंगे। हमने कहा था कि 26 जनवरी के घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए। अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है तो क्या हम UN में जाएं? अगर केंद्र कृषि कानूनों पर चर्चा चाहता है तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं। 22 तारीख से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा। 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा। 22 जुलाई से हमारे 200 लोग संसद के पास धरना देने जाएंगे"।