PM Modi Speech: सूरजकुंड चिंतन शिविर में बोले पीएम मोदी, पूरे देश में वन नेशन वन यूनिफार्म पुलिस के लिए होनी चाहिए

PM Modi Speech: हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित चिंतन शिविर में प्रधानमंत्री वर्चुअली शामिल हुए, सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अगले 25 साल अमृत पीढ़ी के निर्माण के लिए होंगे।

Update: 2022-10-28 08:05 GMT

सूरजकुंड चिंतन शिविर में बोले पीएम मोदी, अगले 25 साल अमृत पीढ़ी के निर्माण के लिए होंगे: Photo- Social Media

PM Modi Speech: हरियाणा के सूरजकुंड (Surajkund Chintan Shivir) में आयोजित सभी राज्यों के गृह मंत्रियों, केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल एवं प्रशासकों के दो दिवसीय चिंतन शिविर में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। शिविर का आज दूसरा और अंतिम दिन है। प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) वर्चुअली इसमें शामिल हुए और सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने अगले 25 साल अमृत पीढ़ी के निर्माण (building Amrit generation) के लिए होंगे। यह अमृत पीढ़ी पंच प्रण के संकल्पों को आत्मसात करके बनाई जाएगी। इन पंच प्रणों का महत्व आप सभी जानते हैं और समझते हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पुलिस के लिए "एक राष्ट्र, एक वर्दी" का विचार रखते हुए कहा कि यह सिर्फ एक सुझाव है और वह इसे राज्यों पर थोपने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। वस्तुतः राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा, "एक राष्ट्र, एक वर्दी" पुलिस के लिए हो सकता है, आज नहीं हो सकता है, 5, 50 या 100 साल लग सकते हैं, लेकिन आइए इसे एक विचार दें।

ये पंच प्रण है –एक विकसित भारत का निर्माण, औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता – एकजुटता और नागरिक कर्त्वय। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत में कहा कि आज देश में उत्सव का माहौल है। दशहरा, ओणम, दुर्गापूजा और दीपावली सहित अनेक उत्सव शांति और सौहार्द के साथ लोगों ने मनाए। अभी छठ पूजा समेत अन्य त्यौहार भी आने हैं। विभिन्न चुनौतियों के बीच इन त्यौहारों में देश की एकता का सश्कत होना, आपकी तैयारियों को दर्शाता है।

अच्छी चीजें एक –दूसरे से सीखें राज्य

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, सूरजकुंड में गृह मंत्रालय का यह चिंतन शिविर सहकारी संघवाद का एक अच्छा उदाहरण है। संविधान में भले कानून व्यवस्था राज्य का विषय हो, मगर ये देश की एकता और अखंडता से काफी जुड़े हुए हैं। हर राज्य एक दूसरे से सीखें और मिलजुल कर कार्य करें। यही संविधान की भावना है और नागरिकों के प्रति हमारा कर्त्वय।

सोशल मीडिया को लेकर किया सचेत

चिंतन शिविर में प्रधानमंत्री ने मौजूदा दौर में सोशल मीडिया के बढ़ रहे दायरे और उससे होने वाले नुकसानों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आज एक बड़ी ताकत है, मगर इसके इस्तेमाल में सावधानी रखें। फेक न्यूज का एक छोटा सा हिस्सा पूरे देश में तूफान ला सकता है। लोगों को इस बारे में जागरूक करने की जरूरत है कि कुछ भी फोरवार्ड करने से पहले जरूर सोचें। सोशल मीडिया के जरिए जो भी सामग्री आपके पास पहुंचती है, उसे किसी को भेजने से पहले वेरिफाई जरूर करें।

कोरोना काल में पुलिस की साख बेहतर हुई

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कानून व्यवस्था के पूरे तंत्र का जनता के बीच विश्वसनीय होना बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने एनडीआरएफ-एसडीआरएफ का उदाहरण देते हुए कहा कि आज देशवासियों के मन में इनके प्रति कितना सम्मान है। आपदा के दौरान जैसे ही ये पहुंचते हैं, लोगों को संतोष होने लगता है कि एक्सपर्ट की टीम पहुंच गई है, अब ये अपना काम कर लेंगे। ऐसे ही अपराध वाली जगह पर जब पुलिस पहुंचती है तो लोगों को लगता है कि सरकार पहुंच गई है। कोरोना काल में पुलिस की साख को बेहतर होते हमने देखा है।

बता दें कि सूरजकुंड में आयोजित इस चिंतन शिविर का उद्देश्य विजन 2047 की प्लानिंग करना है। सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्रों की कतार में शामिल करना है।

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