Dengue Symptoms in Children: सावधान! अगर बच्‍चों में दिखे ये लक्षण तो बिलकुल ना करें इग्नोर

Dengue Symptoms in Children: गौरतलब है कि मानसून के मौसम में गंदे पानी और इसके जमाव के कारण लाखों मच्छर भी पनपने के कारण डेंगू, मलेरिया, जीका, चिकनगुनिया, पीला बुखार जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बनते हैं।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-07-14 14:17 IST

typhoid fever (image credit : social media)

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Dengue Symptoms: मानसून के सीजन में हो रही बारिश शायद ही किसी को नापसंद हो। जी हां ,बारिश अपने साथ सुहावना मौसम भी लाता है लेकिन सबसे बड़ी समस्या तब होती है जब बारिश अपने साथ कई गुना मच्छर और उनसे जुडी कई साड़ी बीमारियों का वाहक बनता है। बता दें कि मानसून का मौसम लोगों के लिए कमज़ोर इम्युनिटी का समय होता है जिसके कारण कोई भी वारयस सम्बंधित बीमारियां लोगों को आसानी से अपने चपेट में ले लेती हैं।

उल्लेखनीय है कि ये बीमारियां कई बार इतनी जानलेवा साबित हो जाती है कि अगर इन पर वक्त रहते ध्यान न दिया जाए, तो ये व्यक्ति के लिए जानवेला भी साबित हो सकती हैं। गौरतलब है कि मानसून के मौसम में गंदे पानी और इसके जमाव के कारण लाखों मच्छर भी पनपने के कारण डेंगू, मलेरिया, जीका, चिकनगुनिया, पीला बुखार जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बनते हैं।

बता दें कि शिशु, छोटे बच्चे और बूढ़ें को उनको कमज़ोर इम्युनिटी के कारण मच्छर जनित बीमारियों का शिकार आसानी से हो जाते हैं। इनमें सबसे आम बीमारी है डेंगू जो प्रत्येक हर साल हज़ारों लोगों की मौत का बड़ा कारण बनता है।

गौरतलब है कि डेंगू के शुरुआती लक्षण शरीर में लगभग न के बराबर दिखते हैं, खासकर अगर मामला बच्चों का हो तो यह समस्या और भी चिंताजनक हो जाती है। बता दें कि डेंगू के मच्छर के काटने के चार दिन बाद ही संक्रमण बढ़ने के लक्षण शरीर में दिखने शुरू होते हैं, इसलिए ऐसे में छोटे बच्चों में स्थिति ज़्यादा गंभीर हो जाती है। इसलिए यह बेहद जरुरी है समय रहते इसके लक्षणों की पहचान हो सके।


तो आइये जानते है कि बच्चों में डेंगू के लक्षणों की पहचान किस प्रकार की जाए :

- अगर बच्चे को नाक बहने, खांसी के तेज़ बुखार के लक्षण हैं तो यह डेंगू का लक्षण हो सकते है। आमतौर पर सामान्य फ्लू के भी ये लक्षण हो सकते हैं। लेकिन अगर 24 घंटे के अंदर बच्चे का बुखार नहीं उतरता है तो बिना देर किये चाइल्ड स्पेशलिस्ट को दिखाएं।

- मासूम बच्चे बड़े लोगों की तुलना में, यह समझ पाने में असमर्थ होते हैं कि असलियत में उनके साथ क्या हो रहा है। जिसके कारण वे चिड़चिड़े और उत्तेजित स्वाभाव के होने लगते हैं। ऐसे में वे नखरे के साथ अक्सर खाना खाना छोड़ देते हैं। इन लक्षणों को मामूली समझ कर नज़रअंदाज़ ना करें।

- कई बार जी मिचलाना, उल्टी आदि जैसे लक्षणों को अक्सर लोग गैस्ट्रोएंटेरिटिस से ही जोड़ कर देखते है। लेकिन आपको बता दें कि डेंगू के भी लक्षण ये हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि डेंगू में भी बच्चों को इन सभी लक्षणों के अलावा पेट में भी तेज़ दर्द की शिकायत हो सकती है।

- इतना ही नहीं अगर बच्चे डेंगू रोग हो जाए, तो उसे जोड़ों, पीठ और सिर में गंभीर दर्द का अनुभव होता हैं। इसलिए यह बेहद जरुरी है कि आप अपने बच्चे से उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करें ताकि डॉक्टर को आप सही तरीके से बच्चे की समस्याओं से अवगत करा सकें।

- त्वचा पर चकत्ते या लाल दाने निकलना बच्चों में डेंगू होने पर सबसे आम लक्षणों में से एक है। बता दें कि यह खसरे की पैच की तरह दिखाई देता है। इसके अलावा त्वचा पर लगातार खुजली होना भी डेंगू के लक्षण माने जाते है।

- डेंगू होने पर प्लेटलेट काउंट भी कम होने लगता है, जिसके कारण से बच्चों के मसूड़ों और नाक से खून बहना शुरू हो जाता है। गौरतलब है कि ऐसी स्थिति में बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए अन्यथा क्योंकि कुछ मामलों में यह रक्तस्रावी बुखार या शॉक सिंड्रोम जैसी स्थिति जानलेवा भी साबित हो सकती है।



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