Guillain-Barre Syndrome: क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, जिससे हुई पुणे में पहली मौत, जानें लक्षण और इलाज

Guillain-Barre Syndrome: गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से पुणे में पहली मौत दर्ज की गई है। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि की है। आइए जानें इस बीमारी और इसके लक्षण व उपचार के बारे में।;

Written By :  Shreya
Update:2025-01-27 14:37 IST

Guillain-Barre Syndrome (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Guillain-Barre Syndrome Kya Hai: महाराष्ट्र के पुणे में इस समय एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी से हड़कंप मच हुआ है। इस बीमारी का नाम है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome- GBS)। जीबीएस के करीब 100 से अधिक मामले पुणे में अब तक दर्ज किए जा चुके हैं। साथ ही इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद एक मरीज की संदिग्ध मौत की खबर भी सामने आई है। ये मौत सोलापुर में हुई है। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि की है। आइए जानते हैं क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, इसके लक्षण और उपचार के बारे में।

क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome In Hindi)

cleveland clinic के मुताबिक, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक रेयर ऑटोइम्यून स्थिति है जिसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली आपके पेरिफेरल नर्व्स (Peripheral Nervous) यानी परिधीय तंत्रिकाओं पर हमला करती है। इससे सुन्नता, झुनझुनी और मांसपेशियों में कमजोरी जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं, जो आगे चलकर पैरालिसिस (Paralysis) में बदल सकते हैं।

बता दें गुइलेन-बैरे सिंड्रोम बेहद रेयर माना जाता है। एक डेटा के मुताबिक, हर साल दुनियाभर में लगभग करीब एक लाख लोगों में यह विकसित होता है। गुइलेन-बैरे सिंड्रोम किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर 30 से 50 वर्ष के बीच के लोगों को प्रभावित करता है।

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के लक्षण (Guillain-Barre Syndrome Symptoms In Hindi)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

GBS की स्थिति में कई सारे लक्षण नजर आते हैं, जैसे कि-

मसल्स में अचानक कमजोरी

रीढ़ की हड्डी में कमजोरी

चलने फिरने में समस्या

हाथ या पैर में पैरालिसिस

चेहरे की मसल्स में पैरालिसिस

छाती की मसल्स में कमजोरी

सांस लेने में मुश्किल

बोलने और निगलने में मुश्किल

आंखों की रोशनी कम होना

हाथ-पैर में अजीब सेंसेशन

शरीर का संतुलन खत्म होना।

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का इलाज (Guillain-Barre Syndrome Treatment)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का कोई ज्ञात इलाज नहीं है, लेकिन कुछ थेरेपी के जरिए जीबीएस को गंभीर होने से रोका जा सकता है और आपके ठीक होने में लगने वाले समय को कम किया जा सकता है। अगर समय पर इलाज मिले तो ज्यादातर मरीज पूरी तरह रिकवर हो जाते हैं। रिकवरी में कुछ हफ्ते, महीने या साल लग सकते हैं।

नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन उपायों व सुझावों पर अमल करने से पहले संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

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