Adrien Brody: कौन हैं ऑस्कर अवॉर्ड जीतने वाले एड्रियन ब्रॉडी, इस फिल्म के बाद हो गए थे ईटिंग डिसऑर्डर के शिकार, जानें क्या है ये स्थिति

Adrien Brody Kon Hai: ऑस्कर अवॉर्ड्स में अमेरिकन एक्टर एड्रियन ब्रॉडी ने एक बार खुलासा किया था कि वह एक फिल्म की शूटिंग के बाद ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार हो गए थे...;

By :  Shreya
Update:2025-03-03 15:33 IST

Adrien Brody (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Adrien Brody Kon Hai In Hindi: अमेरिका के लॉस एंजेलिस के डॉल्बी थिएटर में 97वें ऑस्कर अवॉर्ड्स (Oscar Awards 2025) का शानदार आयोजन किया गया, जिसमें फिल्म जगत की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हुईं। फिल्मी दुनिया के इस सबसे बड़े अवॉर्ड का ऑफिशियली नाम वैसे तो 'एकेडमी अवॉर्ड ऑफ मेरिट' है, लेकिन यह ऑस्कर अवॉर्ड के नाम से ज्यादा फेमस है।

इस अवॉर्ड शो में अमेरिकन एक्टर एड्रियन ब्रॉडी (Adrien Brody) ने फिल्म द ब्रूटलिस्ट के लिए बेस्ट एक्टर का खिताब अपने नाम किया। इस फिल्म में शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें ऑस्कर से सम्मानित किया गया। इससे पहले वह अपनी रोमन पोलांस्की के वॉर ड्रामा 'द पियानिस्ट (The Pianist)' में व्लाडिसलाव स्जपिलमैन के किरदार के लिए बेस्ट एक्टर का एकेडमी अवॉर्ड जीत चुके हैं। वह इस कैटेगरी में अवॉर्ड जीतने वाले सबसे कम उम्र के विजेता बने थे।

एड्रियन ब्रॉडी ने 'द पियानिस्ट' में अपने रोल के लिए काफी मेहनत की थी। उन्होंने व्लाडिसलाव स्जपिलमैन का किरदार निभाने के लिए अपने बॉडी का भी ट्रांसफॉर्मेशन किया था, लेकिन इस फिल्म के बाद वह ईटिंग डिसऑर्डर और PTSD के शिकार हो गए थे। आइए जानते हैं क्या है ईटिंग डिसऑर्डर।

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ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार हुए थे ब्रॉडी

अपने एक इंटरव्यू के दौरान एक्टर ने खुलासा किया कि व्लाडिसलाव स्जपिलमैन की भूमिका निभाने के बाद उन्हें ईटिंग डिसऑर्डर और PTSD से जूझना पड़ा था। ब्रॉडी ने द पियानिस्ट में होलोकॉस्ट से बचे व्लाडिसलाव स्जपिलमैन का रोल प्ले किया था और 30 पाउंड वजन कम करने के लिए लगभग स्टारवेशन डाइट अपनाकर इस भूमिका के लिए तैयारी की। हालांकि उनका वजन 129 पाउंड तक कम हो गया। इसके अलावा जब उन्होंने फिल्म की शूटिंग शुरू की तब तक वह पानी भी मुश्किल से पानी पी रहे थे।

ब्रॉडी ने इंटरव्यू में यह माना कि उस फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन के दीर्घकालिक प्रभाव थे, उन्होंने अनिद्रा, पैनिक अटैक और पीटीएसडी से निपटना पड़ा था। उन्होंने ये भी बताया कि मुझे निश्चित रूप से कम से कम एक साल तक ईटिंग डिसऑर्डर की बीमारी थी। और मैं एक साल तक डिप्रेस्ड रहा था।

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क्या होता है ईटिंग डिसऑर्डर (What Is Eating Disorders In Hindi)?

Mayo clinic की रिपोर्ट के मुताबिक, ईटिंग डिसऑर्डर गंभीर स्वास्थ्य स्थितियाँ हैं जो आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करती हैं। इन स्थितियों में भोजन, खाने, वजन और आकार के बारे में आपके सोचने के तरीके और आपके खाने के व्यवहार में समस्याएं शामिल हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अगर प्रभावी ढंग से इलाज नहीं किया जाए तो ईटिंग डिसऑर्डर दीर्घकालिक समस्याएं बन सकते हैं और, कुछ मामलों में, मृत्यु का कारण भी बन सकते हैं।

ईटिंग डिसऑर्डर के प्रकार (Eating Disorders Types)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

ईटिंग डिसऑर्डर्स कई प्रकार के होते हैं, जिनमें एनोरेक्सिया नर्वोसा, बुलिमिया नर्वोसा, बिंज ईटिंग डिसऑर्डर, पिका, रूमिनेशन डिसऑर्डर, ARFID (Avoidant/restrictive food intake disorder) शामिल हैं।

1- एनोरेक्सिया नर्वोसा (Anorexia Nervosa): इस तरह के ईटिंग डिसऑर्डर में भोजन और/या कैलोरी सेवन पर प्रतिबंध (सेल्फ स्टारवेशन), वजन बढ़ने का डर और डिस्टोर्टेड सेल्फ इमेज शामिल होता है। 

2- बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa): इसमें कम समय में बड़ी मात्रा में भोजन करना या यह मानना कि भोजन का सेवन ज्यादा था, इसके बाद उल्टी करके भोजन से छुटकारा पाना या अत्यधिक व्यायाम करना जैसे लक्षण शामिल होते हैं।

3- बिंज ईटिंग डिसऑर्डर (Binge Eating Disorder): जैसा कि नाम से पता चलता है इससे पीड़ित लोग कम समय में बहुत ज्यादा खाने लगते हैं। इसके बाद उन्हें इससे शर्म, पछतावा, गिल्ट या अवसाद महसूस होने लगता है।

4- पिका (Pica): बात करें पिका ईटिंग डिसऑर्डर की तो इसमें लोग नियमित रूप से ऐसी चीजें खाते हैं, जो खाद्य नहीं होती हैं। जैसे कि चाक, डर्ट और पेंट।

5- रूमिनेशन डिसऑर्डर (Rumination Disorder): यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कोई व्यक्ति बार-बार पेट से बिना पचा हुआ या आंशिक रूप से पचा हुआ भोजन बाहर निकालता है। फिर उगले हुए भोजन को दोबारा चबाया जाता है और निगल लिया जाता है या थूक दिया जाता है।

6- ARFID: इसका फुल फॉर्म होता है अवॉइडेंट/रिस्ट्रिक्टिव फ़ूड इनटेक डिसऑर्डर। इसमें व्यक्ति अपने द्वारा उपभोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थों की मात्रा या विविधता को काफी हद तक सीमित कर देते हैं, जिससे कुपोषण, वजन कम होना या मनोसामाजिक समस्याएं होती हैं।

ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण (Eating Disorders Symptoms In Hindi)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण इसके प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। इन लक्षणों में शामिल होते हैं-

1- मूड स्विंग्स

2- थकान

3- बेहोशी या चक्कर आना

4- बालों का पतला होना या बालों का झड़ना

5- अस्पष्टीकृत वजन परिवर्तन या भारी वजन कम होना

6- असामान्य पसीना या हॉट फ्लैशेज।

इसके अलावा ईटिंगग डिसऑर्डर के व्यवहार संबंधी लक्षण निम्न प्रकार के हो सकते हैं:-

1- प्रतिबंधात्मक खान-पान

2- कम समय में बहुत अधिक खाना

3- भोजन या कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना

4- भोजन के बाद जबरन उल्टी करना

5- भोजन के बाद अनिवार्य व्यायाम करना

6- खाने के बाद बार-बार बाथरूम जाना

7- दोस्तों या सामाजिक गतिविधियों से दूरी बनाना

8- खाना छिपाना या फेंक देना

9- भोजन को आवश्यकता से अधिक देर तक चबाना, छिपकर खाना)।

ईटिंग डिसऑर्डर वाले लोगों को हो सकती है ये समस्याएं

इसके अलावा, अगर ईटिंग डिसऑर्डर का इलाज न किया जाए तो गंभीर चिकित्सीय जटिलताओं का कारण बन सकता है, जैसे कि-

1- अर्थिमिया, हार्ट फेलियर और अन्य हार्ट प्रॉब्लम्स।

2- एसिड रिफ्लक्स।

3- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं।

4- लो ब्लड प्रेशर (हाइपोटेंशन)।

5- ऑर्गन फेलियर और ब्रेन डैमेज।

6- ऑस्टियोपोरोसिस।

7- गंभीर निर्जलीकरण और कब्ज।

8- रुका हुआ मासिक धर्म और बांझपन।

9- स्ट्रोक आदि।

ईटिंग डिसऑर्डर का इलाज (Eating Disorders Treatment In Hindi)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कई लोगों को लगता है कि ईटिंग डिसऑर्डर्स को खत्म करने के लिए इलाज की जरुरत नहीं होती। कई लोग इस डिसऑर्डर के बारे में वाकिफ भी नहीं है। हालांकि इलाज न होने की स्थिति में समस्या और जटिल हो सकती है। इन डिसऑर्डर्स का इलाज करने के लिए Psychotherapy, मेडिकेशन्स, न्यूट्रिश काउंसलिंग का तरीका अपनाया जाता है।

नोट- यह खबर सामान्य जानकारी के लिए है। इनकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी न्यूजट्रैक नहीं लेता है।

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