Heart Attack Warning: दिल का दौरा पड़ने से एक महीने पहले से ही महिलाओं में दिखाई देता हैं ये संकेत
Heart Attack Warning for Women: 2 सालों में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है।इसमें कई ऐसे लोग भी हैं जो बिल्कुल फिट थे पर उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक रहा।
Heart Attack Warning for Women: दो सालों में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसमें कई ऐसे लोग भी हैं जो बिल्कुल फिट थे लेकिन फिर भी उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक रहा। हालांकि हार्ट अटैक लिंग में कोई भेदभाव नहीं करता, यह किसी को भी हो सकता है। ऐसे में जरूरी है तो बस सावधान रहने की।
दरअसल पुरुष और महिला में हार्ट अटैक के संकेत थोड़े अलग हो सकते हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में दोनों में ही संकेत एक जैसे होते हैं। हृदय रोग (सीवीडी) दुनिया भर में मौत का प्रमुख कारण बन चुका हैं। WHO के अनुसार, यह हर साल लगभग 17.9 मिलियन लोगों की जान लेता है, जिनमें से पांच में से चार से अधिक मौतें दिल के दौरे और स्ट्रोक के कारण होती हैं। हार्ट अटैक को साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि कई बार इसके संकेत पहले से पता नहीं चलते, अचानक ही नजर आते हैं, जिसके कारण दिल का दौरा पड़ जाता है, खासकर 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में यह देखा गया है। हालांकि, कम उम्र के लोगों में भी दिल के दौरे के मामलों में पिछले दो सालों में काफी बढ़ोतरी हुई है, जो बेहद चिंताजनक हो गया है।
दरअसल दिल का दौरा लिंग के बीच कोई भेदभाव नहीं करता है, लेकिन एक सर्वे के अनुसार महिलाओं में दिल का दौरा पुरुषों में दिखने वाले लक्षणों से थोड़ा अलग हो सकता है। बता दे कि सीने में दर्द और दबाव पहला लक्षण है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकता है, बाद में फिर मतली, पसीना, उल्टी, गर्दन, जबड़े, गले, पेट या पीठ में दर्द सहित अन्य लक्षणों नजर आता है। दरअसल पुरुषों में सांस की तकलीफ, जबड़े और कंधे में दर्द, मतली आदि संकेत दिखने की संभावना अधिक होती है।
दरअसल पुरुषों और महिलाओं के अलग-अलग लक्षणों का कारण यह है कि जहां पुरुषों के हार्ट को ब्लड की आपूर्ति करने वाली बड़ी arteries में plague का निर्माण होने की अधिक संभावना होती है, वहीं महिलाओं में हृदय की छोटी arteries में बिल्डअप होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए यह पुरुषों और महिलाओं में लक्षण बदल जाते हैं। बता दे कि एक सर्वे के अनुसार, 500 से अधिक महिलाओं के डेटा को देखने के बाद यह जानकारी सामने आई है कि, करीब 95 प्रतिशत महिलाओं में हार्ट अटैक से एक महीना से शरीर में असामान्य परिवर्तन देखने को मिला। इन आम लक्षणों में थकान और नींद नहीं आने की समस्या शामिल हैं। दरअसल इस सर्वे के दौरान अधिकांश पुरुषों को सीने में दर्द होने की संभावना थी, वहीं महिलाओं को सांस की तकलीफ का अनुभव होने की अधिक संभावना थी। अन्य संकेतों में सीने में बेचैनी होना, शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द और बेचैनी, एक या दोनों हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़ा या पेट आदि में दर्द की समस्या शामिल हो सकते हैं। साथ ही सांस लेने में कठिनाई, ठंडे पसीने, मितली या चक्कर आना आदि भी शामिल है।