Coffee pine ke fayde: कॉफी पीजिए और डायबिटीज की चिंता छोड़िए, इन घातक रोगों का भी है इलाज

Coffee pine ke fayde: कॉफी हमारी सेहत के लिए कई मायनों में बेहद लाभदायक है। वर्तमान में इसकी मांग इसके उत्पादन से भी कहीं ज्यादा है।

Written By :  Preeti Mishra
Published By :  Shreya
Update:2022-03-26 15:15 IST

कॉफी (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Coffee pine ke fayde: कॉफी सर्वाधिक लोकप्रिय पेय पदार्थ है। शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जो कॉफ़ी की खुशबू और स्वाद का दीवाना ना हो। आमतौर पर लोग ताजगी और स्फूर्ती पाने के लिए इसका सेवन करते हैं। बता दें कि कॉफी को कॉफिया अरेबिका (Coffea Arabica) नाम के पेड़ पर लगने वाले फल से ही तैयार किया जाता है। इस पेड़ पर लगने वाली फलियों (Coffee Beans) को भूनकर और पीसकर ही कॉफी पाउडर (Coffee Powder) का निर्माण किया जाता है। गौरतलब है कि वर्तमान में इसकी मांग इसके उत्पादन से भी कहीं ज्यादा है। जो लोगों में इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा लगा पाने का एक छोटा सा सबूत है।

लेकिन आपको बता दें कॉफ़ी हमारी सेहत के लिए कुछ मायनों में बेहद लाभदायक है। क्या आप जानते है कि कॉफ़ी का सेवन टाइप टू डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के खतरे को कम करता है। एक रिसर्च के अनुसार, रोजाना 4 कप कॉफी पीने से टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम 30 प्रतिशत तक कम हो जाता है। इतना ही नहीं कॉफी के सेवन से शरीर में इंसुलिन (Insulin) संवेदनशीलता में आश्चर्जनक रूप से सुधार होता है, जो टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करता है। इसके अलावा और भी कई गंभीर रोगों का इलाज और रोकथाम करता है रोज़ाना कॉफी का सेवन (Drinking Coffee Benefits)।

कॉफी (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कॉफी के फायदे (Coffee Benefits)

1- जब कभी भी शरीर में आलस्य की अधिकता हो तो ऐसे में कॉफी का एक कप शरीर में अलर्टनेस या सतर्कता पैदा कर देता है।इतना ही नहीं शरीर में ऊर्जा और फुर्ती बढ़ाने में कॉफी काफी मददगार होती है। बता दें कि कॉफी में मौजूद कैफीन दिमाग और तंत्रिका प्रणाली की एक्टिविटी बढ़ाने में सहायक होता है। जिससे दिमाग और बेहतर तरीके से काम करने लगता है। लोगों की सोचने-समझने की शक्ति को दुरुस्त करने के साथ -साथ उनके स्किल में भी सुधार लाने में कॉफ़ी मददगार होता है।

2- इसके अलावा वजन करने के घरेलू उपायों में भी कॉफी सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इसमें मौजूद कैफीन, मेटाबॉलिज्म यानी भोजन से ऊर्जा बनने की क्रिया को बढ़ने के साथ इससे पैदा होने वाली गर्मी (Thermogenesis)से मोटापे को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इतना ही नहीं इस बात की पुष्टि वैज्ञानिक अध्ययन में भी की गई है।

3- खास बात है कि कॉफी का सेवन लिवर को भी क्षतिग्रस्त होने से बचाता है। एक शोध में या बात सामने आयी है कि रोजाना 4 कप कॉफी का सेवन करने वाले व्यक्तियों में एस्पारटेट एमिनोट्रांस्फरेज (Aspartate Aminotransferase) और एलेनिन एमिनोट्रांस्फरेज (Alanine Aminotransferase) नामक एंजाइम का स्तर कम होता है जो लिवर को क्षति से बचा सकते हैं।

4- विशेषज्ञों के अनुसार कॉफ़ी का सेवन अल्फा-एमिलेज (sAA) नामक एंजाइम में बढ़ोत्तरी कर तनाव को कम करने में सकारात्मक भूमिका निभाता है। कॉफ़ी में मौजूद कैफीन का अवसाद, डिप्रेशन, तनाव और चिंता से राहत पहुंचाने में बेहद सहायक होता है।

5- कॉफ़ी का सेवन अल्जाइमर और डिमेंशिया से सुरक्षा पहुँचाता है। बता दें कि अल्जाइमर एक आम मानसिक बीमारी है, जिसमें याद रखने और सोचने की क्षमता धीरे-धीरे काफी कम हो जाती है। जिसके कारण डिमेंशिया नामक मनोविकार भी पैदा हो सकता है। ऐसे में कैफीन नर्वस सिस्टम को उत्तेजित कर कॉग्निटिव (मानसिक) स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।

6- एक शोध के अनुसार कॉफी का नियमित सेवन स्ट्रोक से बचाव करता है। बता दें कि कॉफी का नियमित सेवन कुछ हद तक उच्च रक्तचाप की समस्या, डायबिटीज और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है जो स्ट्रोक के जोखिम का कारण माने जाते हैं ।

7- कॉफी में मौजूद कैफीन त्वचा के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसलिए इसका उपयोग कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में भी किया जाता है। कॉफी में मौजूद कैफीन त्वचा को अल्ट्रावायलेट रेडिएशन के हानिकारक प्रभाव से बचाकर उसे उम्रदराज़ दिखने से रोकता है। इसके अलावा, कैफीन त्वचा कोशिकाओं में फैट जमने से भी रोकता है।

8- कॉफी में मौजूद कैफीन रक्त के माइक्रोसर्कुलेशन को बढ़ाकर 5-α-रिडक्टेस (एक तरह का एंजाइम) गतिविधि में बाधा उत्पन्न कर बालों के विकास को उत्तेजित करता है।

9- इतना ही नहीं कॉफी पीने से पार्किंसंस रोग से बचाव होता है। बता दें कि इस रोग में मस्तिष्क विकार में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र व्यक्ति के चलने-फिरने और संतुलन बनाने की क्षमता को प्रभावित कर देती है। लेकिन कॉफी में मौजूद कैफीन तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करने वाला न्यूरोस्टिमुलेंट और तंत्रिका तंत्र को सुरक्षा देने वाला न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव प्रदर्शित कर पार्किंसंस के जोखिम को कुछ हद तक कम करने में मदद करता है। 

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