कैंसर और हृदयाघात से बचाता है अंदर से भी लाल ये सेब, जानें खासियतें

रेड जून, रेड टेस्टर डेलीशियस, रेड लव इरा, रेड सिरेना, माइंटेन रोज, हिड्रडन रोज, ज्वाइंट रशियन, कार्न बेरी, मार्श पिंक, क्लीफोर्ड एप्रीकॉट एप्पल, ऐसे ही लाल सेब की अन्य कई किस्में हैं।

Update:2019-02-01 17:32 IST

शिमला: हिमाचल के बागवान अब बाहर से ही नहीं बल्कि अंदर से भी लाल सेब की किस्म उगाने लगे हैं। बागवान स्विटजरलैंड से लाई गई सेब की किस्म रेड लव के पौधे मंगवा रहे हैं। अंदर से लाल ​होने के साथ इस सेब के पेड की टहनियां, पत्तियां, कोपलें, और फूल भी लाल होते हैं।

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पहले से इस किस्म के सेब उगा चुके प्रदेश के बागवान ग्राफटिंग के लिए एक स्टिक 100 रूपये तक के हिसाब से दूसरे बागवानों को बेच रहे हैं। बढ़ती मांग के चलते यहां के बागवान इसका उत्पादन बढ़ाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर पायेंगे। विदेश में भी पसंद की जाने वाली रेड लव सेब की सबसे बड़ी खासियत है कि यह जून में ही तैयार हो जाता है। और यह काफी समय तक खराब नहीं होता है। हालांकि इसमें थोड़ी खटास होती है। जूस बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

कुछ साल में शुरू होगा उत्पादन

कोटखाई की बखोल पुचायत के युवा और शिक्षित बागवान संजीव चौहान कहते हैं कि हिमाचल में रेड लव जैसे अंदर और बाहर से लाल सेब की किस्मों का भविष्य सुनहरा है। इस किस्म के सैंपल आने लगे हैं और कुछ साल में उत्पादन भी शुरू हो जायेगा।

बागवान जिस तरह से इसके पौधों की मांग कर रहे हैं उससे लगता है कि प्रदेश में इसका व्यवसायिक उत्पादन जल्द शुरू हो जायेगा। इससे उत्पादकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस दिशा में सरकार को भी काम करना चाहिए।

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लाल सेब की अन्य किस्में

रेड जून, रेड टेस्टर डेलीशियस, रेड लव इरा, रेड सिरेना, माइंटेन रोज, हिड्रडन रोज, ज्वाइंट रशियन, कार्न बेरी, मार्श पिंक, क्लीफोर्ड एप्रीकॉट एप्पल, ऐसे ही लाल सेब की अन्य कई किस्में हैं।

कैंसर और हृदयाघात से बचाता है ये सेब

राज्य के बागवानी विशेषज्ञ डॉ0 एसपी भारद्वाज ने बताया कि कजाकिस्तान को इसका उत्पत्तिस्थल बताया जाता है। विदेशों में अंदर से सफेद सेब को ज्यादा पसंद नहीं किया जाता है। क्योंकि इसमें अधिक मिठास होती है। सेब की इस किस्म पर स्विटजरलैंड के वैाज्ञानिकों ने दो दशक पहले काम शुरू किया था। चीन आस्ट्रेलिया इटली और न्यूजीलैंड में भी इसका उत्पादन हो रहा है। इस किस्म की सेब में कैंसर और हृदयाघात जैसे रोगों से बचाने की क्षमता होती है।

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