Eye Colour Surgery: बहुत खतरनाक है आँखों का रंग बदलने की सर्जरी, ये हैं खतरे

Eye Colour Surgery: डिपिगमेंटेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जो त्वचा, बालों और आंखों के रंग के लिए जिम्मेदार ‘मेलेनिन’ को कम करके आंखों का रंग हल्का करती है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-10-07 15:37 IST

Eye Colour Surgery  (photo: social media )

Eye Colour Surgery: आँखों का रंग बदलने की सर्जरी या आईरिस इम्प्लांट, जिसमें आँखों में रंगीन, कृत्रिम आईरिस डालकर उसका रंग बदला जाता है, अब कॉस्मेटिक सर्जरी के रूप में लोकप्रिय हो रही है। मूल रूप से जन्मजात दोष या आईरिस में चोट जैसे हालातों के लिए डेवलप की गई आईरिस इम्प्लांट सर्जरी ने अब विशुद्ध रूप से कॉस्मेटिक्स सर्जरी के रूप में ध्यान आकर्षित किया है। लेकिन बताया जाता है कि यह सबसे “खतरनाक” सर्जरी में से एक है क्योंकि इसमें जोखिम 92 फीसदी से भी ज्यादा है।

यह सर्जरी है क्या

आंखों का रंग आईरिस द्वारा तय होता है, जो कॉर्निया और लेंस के बीच स्थित पिगमेंटेड मांसपेशी होती है। डिपिगमेंटेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जो त्वचा, बालों और आंखों के रंग के लिए जिम्मेदार ‘मेलेनिन’ को कम करके आंखों का रंग हल्का करती है।

सर्जरी की इस तकनीक में, आईरिस के डिपिगमेंटेशन के लिए एक यट्रियम एल्युमिनियम गार्नेट (याग) लेजर का उपयोग किया जाता है, जिससे रंग बदल जाता है। हालांकि, इस डिपिगमेंटेशन के बाद होने वाले सटीक रंग का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है - कुछ आंखें नीली हो जाती हैं, जबकि कुछ याग लेजर से पिगमेंट हटाने के बाद हरे रंग की हो जाती हैं।


क्या यह सुरक्षित है?

डाक्टरों के अनुसार ये कतई सेफ नहीं है। इससे आँखों की रोशनी जा सकती है, ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, कॉर्नियल डैमेज और पुरानी सूजन जैसे गंभीर जोखिम हो सकते हैं। इसके अलावा इस सर्जरी के दीर्घकालिक प्रभाव अज्ञात हैं। बढ़े हुए इंट्राओकुलर दबाव से ग्लूकोमा और आईरिस की सूजन हो सकती है, जिसे इरिटिस के रूप में जाना जाता है। यह सर्जरी एफडीए द्वारा अनुमोदित भी नहीं है। इस सर्जरी के दुष्प्रभावों में ग्लूकोमा के अलावा मोतियाबिंद डेवलप हो जाना, कॉर्निया का डैमेज हो जाना, आईरिस में सूजन आदि शामिल हैं।

इसके अलावा रंग बदलने के स्थायित्व की गारंटी नहीं दी जा सकती है, क्योंकि यह समय के साथ फीका पड़ सकता है, जिससे रंग में बदलाव हो सकता है।


बेहतर विकल्प क्या हैं?

जो लोग अस्थायी रूप से और सुरक्षित रूप से अपनी आंखों का रंग बदलना चाहते हैं, उनके लिए रंगीन कॉन्टैक्ट लेंस जैसे गैर-सर्जिकल विकल्प बेहतर विकल्प हैं, बशर्ते सावधानी बरती जाए।




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