भूकंप सुबह-शाम तक: झटकों से कांप उठा गुजरात, 19 बार थर्राई धरती से भागे लोग

गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में रविवार रात से लेकर सुबह तक 19 बार भूकंप आए। जिनकी तीव्रता 1.7 से 3.3 के बीच रही। हालांकि इस दौरान किसी तरह का हताहत नहीं हुआ है। 

Update:2020-12-07 14:37 IST
गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में रविवार रात से सोमवार सुबह तक 19 भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं

सोमनाथ: गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में लोग उस वक्त सहम गए जब उन्हें लगातार 19 भूकंप (Earthquake) के झटकों का सामना करना पड़ा। जी हां, कल यानी रविवार देर रात से लेकर सुबह तक यहां पर भूंकप के 19 झटके महसूस किए गए हैं। जिनकी तीव्रता 1.7 से 3.3 के बीच मापी गई है। हालांकि अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इस दौरान किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। आईएसआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे मानसून की वजह से होने वाली भूकंपीय गतिविधि बताया है।

मानसून के चलते होती हैं ऐसी गतिविधियां

गांधीनगर स्थित भूकंप अनुसंधान संस्थान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह मानसून के चलते होने वाली भूकंपीय गतिविधि है, जो कि दो से तीन महीने की भारी बारिश के बाद गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के कुछ इलाकों में अक्सर देखने को मिलती है। अधिकारी के मुताबिक, इसमें कोई चिंता करने वाली बात नहीं है। उन्होंने बताया कि रविवार देर रात एक बजकर 42 मिनट से 19 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इनका केंद्र सौराष्ट्र के गिर सोमनाथ जिले में तालाला के पूर्व-उत्तर-पूर्व में रहा।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

छह बार तीन से अधिक तीव्रता का आया भूकंप

हालांकि इन 19 भूकंपों में ज्यादातर की तीव्रता रिक्टर स्केल पर तीन से कम दर्ज किया गया, जबकि छह बार तीन से अधिक तीव्रता का भूकंप आया। आखिरी भूकंप का झटका सोमवार सुबह नौ बजकर 26 मिनट पर महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 3.2 मापी गई। इसका केंद्र सोमनाथ जिले में तालाला से 11 किलोमीटर पूर्व-उत्तर-पूर्व में था। अधिकारी ने बताया कि 19 में से तीन भूकंपों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मापी गई।

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चिंता की कोई बात नहीं

वहीं आईएसआर के निदेश सुमेर चोपड़ा ने बताया कि जब मानसून में सामान्य से अधिक बारिश होती है तो बारिश के दो से तीन महीने बाद इस तरह के भूकंप झटके आते हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान भूकंप की तीव्रता अलग-अलग होती है। हालांकि गिर सोमनाथ जिले में तालाला के अलावा पोरबंदर और जामनगर में भी इस समय आम तौर पर भूकंप दर्ज किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि चट्टानों में पहले ही काफी दबाव होता है। पानी की वजह से यह और बढ़ जाता है, जिसके चलते भूकंप आते हैं। लेकिन इसमें चिंता की कोई बात नहीं है।

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