दमदार किसान महिला नेता: बैठक में ऐसी भूमिका, दलीलों से छूटे अधिकारियों के पसीने

सिंधु बॉर्डर से 40 किसान नेता सरकार से बातचीत के लिए पहुंचे। किसान नेताओं के साथ एक महिला भी थी। इकलौता महिला किसान प्रतिनिधि का नाम कविता तालुकदार है।

Update: 2020-12-03 14:24 GMT

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के मुद्दे पर दिल्ली के विज्ञान भवन में सरकार और किसान नेताओं के बीच गुरूवार को चौथे चरण की वार्ता हुई। इस बैठक में किसानों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 40 किसान नेताओं ने शिरकत की। दोपहर 12 बजे से शुरू हुई इस बैठक में 40 में से एक महिला भी मौजूद रही। सूत्रों की माने तो ये महिला सरकार की ओर से बैठक में शामिल लोगों पर काफी भारी पड़ गयी।

40 किसान नेताओं के साथ बैठक में पहुंची एक महिला

आठ दिन लगातार जारी किसानों के आंदोलन और कृषि कानून पर सुलह को लेकर आज जब विज्ञान भवन में बैठक हुई तो सिंधु बॉर्डर से 40 किसान नेता सरकार से बातचीत के लिए पहुंचे। किसान नेताओं के साथ एक महिला भी थी। इकलौता महिला किसान प्रतिनिधि का नाम कविता तालुकदार है। कविता एक सामजिक कार्यकर्ता है। कविता इस किसान आंदोलन की सेंट्रल कोऑर्डिनेशन कमिटी की मेंबर हैं।

सरकार संग वार्ता में निभाई तगड़ी भूमिका

बैठक में शामिल हुई अकेली महिला कहीं से भी कमजोर नहीं दिखी। सूत्रों के मुताबिक, कविता ने किसानों का प्रतिनिधित्व करते हुए दमदार दलीलें दी। बता दें कि कविता तालुकदार ऑल इंडिया किसान संयुक्त समिति की सदस्य भी हैं।

ये भी पढ़ेंःकिसान आंदोलन: खालिस्तानियों की एंट्री के आरोप पर सुखबीर ने कही ये बड़ी बात

किसानों ने नहीं खाया सरकार का खाना:

बैठक के बीच लंच ब्रेक हुआ। सरकार की ओर से खाने की व्यवस्था की गयी थी, लेकिन शायद किसान नेता सरकार की खातिरदारी को स्वीकार न करने की ठान कर गए थे। उन्होंने सरकार की ओर से आये खाने को खाने से मना कर दिया। उनके लिए सफेद एम्बुलेंस में सिंधु बॉर्डर से खाना पैक होकर आया था। सिंधु बॉर्डर पर लगे लंगर से किसान नेताओं के लिए खाना पहुंचा। वहीं किसान नेताओं के लिए बंगला साहब गुरुद्वारे से चाय और नाश्ता पहुंचा है। स्पष्ट हैं कि किसानों ने पहले ही ये तय कर लिया था कि वे सरकार की मेहमाननवाजी को स्वीकार नहीं करेंगे।

किसानों का मारना चाहती है सरकार: किसान

सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सरकार बताएगी कि निजी मंडी और सरकारी मंडी में क्या फर्क है। इस दौरान किसानों ने मीडिया रिपोर्ट को प्रस्तुत किया। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया। कहा गया कि सभी कह रहे हैं कि किसानों का बुरा हाल होगा। एक किसान ने कहा कि हमें मालूम है कि सरकार किसानों को मारना चाहती है।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News