नदी से बाहर आया 500 साल पुराना भगवान विष्णु का मंदिर, देखने के लिए दौड़े लोग

ओडिशा एक ऐसी घटना हुई है जिसके बाद लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। यहां नदी में 500 साल पुराना भगवान विष्णु मंदिर दिखने लगा है। ओडिशा के नयागढ़ जिले में महानदी में 500 साल पुराने गोपीनाथ मंदिर(भगवान विष्णु) के अवशेष दिखाई दिए हैं।

Update: 2020-06-12 17:11 GMT

भुवनेश्वर: ओडिशा एक ऐसी घटना हुई है जिसके बाद लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। यहां नदी में 500 साल पुराना भगवान विष्णु मंदिर दिखने लगा है। ओडिशा के नयागढ़ जिले में महानदी में 500 साल पुराने गोपीनाथ मंदिर(भगवान विष्णु) के अवशेष दिखाई दिए हैं।

बताया जा रहा है कि इससे पहले यह मंदिर सालों पहले देखा गया था। इसके बाद इसके अग्र भाग के दर्शन नदी का पानी होने से अब फिर दिखे हैं। इसे देखने के लिए पद्मवती गांव के पास काफी संख्या में लोग पहुंच गए हैं। बताया जाता है कि ये मंदिर 15वीं या 16वीं सदी बनाया गया था।

इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) की पुरातत्वविदों की टीम ने जानकारी दी कि उन लोगों ने ही इस मंदिर को खोजा है। मंदिर का शिवाला ओडिशा के नयागढ़ स्थित बैद्येश्वर के पास महानदी की शाखा पद्मावती नदी के बीच में स्थित है।

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आर्कियोलॉजिस्ट दीपक कुमार नायक के मुताबिक यह मंदिर लगभग 60 फीट ऊंचा है। नदी के ऊपर दिख रहे मंदिर के मस्तक, उसके निर्माण कार्य और वास्तुशिल्प को देखकर लगता है कि यह 15वीं या 16वीं सदी में बना है।

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सतपतना इलाके में यह मंदिर मिला है। सतपताना में सात गांव थे। सातों गांव भगवान गोपीनाथ( भगवान विष्णु) की पूजा करते थे। उसी दौरान इस मंदिर का निर्माण किया गया था। नायक ने बताया कि 150 साल पहले बाढ़ आई जिसके बाद नदी का रुख बदल गया। इस कारण मंदिर और आसपास का इलाका डूब गया। यह घटना 19वीं सदी में घटी थी। गांव वालों ने भगवान की मूर्ति मंदिर से निकाली और ऊंचे स्थान पर चले गए।

पद्मावती गांव के आसपास 22 मंदिर थे

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स्थानीय लोगों का कहना है कि पद्मावती गांव के आसपास 22 मंदिर थे, जो नदीं में डूब गए, लेकिन इतने सालों के बाद फिर भगवान गोपीनाथ देव के मंदिर का मस्तक नदी से बाहर दिखाई दिया है।

गांव के लोगों का कहना है इस मंदिर का मस्तक 25 साल पहले देखा गया है। गांव के लोगों से अपील की गई है कि वे नदी में जाकर मंदिर के ऊपर चढ़ने की कोशिश न करें।

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