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राजस्थान में सियासी घमासान की असली वजह, भाजपा ने इस तरह कांग्रेस को फंसाया

राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 19 जून को वोटिंग होने वाली है। कांग्रेस की ओर से केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को चुनाव मैदान में उतारा गया है।

Shivani Awasthi
Published on: 12 Jun 2020 4:17 PM GMT
राजस्थान में सियासी घमासान की असली वजह, भाजपा ने इस तरह कांग्रेस को फंसाया
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। एक तरफ देश में दिन-प्रतिदिन कोरोना महामारी गंभीर होती जा रही है तो दूसरी ओर देश के विभिन्न राज्यों में 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनावों को लेकर सियासी घमासान भी मचा हुआ है। सबसे ज्यादा सियासी घमासान राजस्थान में दिख रहा है जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भाजपा के बीच जमकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। कांग्रेस ने अपने विधायकों के वोट महफूज रखने के लिए उन्हें एक होटल में टिका दिया है और भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का बड़ा आरोप लगाया है। दरअसल कांग्रेस की सियासी बेचैनी को भाजपा ने दो प्रत्याशी खड़ा करके बढ़ा दिया है और इसी कारण राज्य में जबर्दस्त सियासी घमासान मचा हुआ है।

भाजपा ने उतारा दूसरा प्रत्याशी

राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 19 जून को वोटिंग होने वाली है। कांग्रेस की ओर से केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को चुनाव मैदान में उतारा गया है। विधायकों की गणित के हिसाब से भाजपा का यहां एक ही उम्मीदवार जीत सकता है और भाजपा ने शुरुआत में राजेंद्र गहलोत को ही उम्मीदवार बनाया था। लेकिन बाद में भाजपा की ओर से ओंकार सिंह लखावत ने भी पर्चा दाखिल कर दिया। राज्य में सियासी घमासान की असली वजह भाजपा की ओर से दूसरा प्रत्याशी उतारा जाना है। भाजपा के इस कदम से कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।

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राजस्थान का चुनावी गणित

राजस्थान में 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं। इनमें बसपा के वे छह विधायक भी शामिल हैं जिन्होंने पिछले साल बसपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। विधानसभा के 13 निर्दलीय विधायकों में से 12 विधायकों का समर्थन कांग्रेस को हासिल है। राज्य में किसी भी प्रत्याशी को जीतने के लिए 51 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। कांग्रेस के पास 107 तो भाजपा के पास 75 विधायक हैं। भाजपा को अपने दूसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए 27 और विधायकों के समर्थन की जरूरत है।

वेणुगोपाल से नाराज हैं कुछ विधायक

कांग्रेस की चिंता का एक बड़ा कारण यह भी है कि पार्टी विधायकों का एक खेमा कांग्रेस प्रत्याशी केसी वेणुगोपाल की उम्मीदवारी से नाखुश बताया जा रहा है। इस कारण भाजपा भी कांग्रेस के वोटों में सेंधमारी करने की कोशिश में जुटी हुई है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं को अपने विधायकों को सहेजने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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खरीद-फरोख्त करने के लिए चुनाव टाले

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक सिंह गहलोत भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त कर राज्यसभा चुनाव जीतने का आरोप लगा रहे हैं। उनका यह भी आरोप है कि राज्यसभा चुनाव को इतना विलंबित इसीलिए किया गया ताकि भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त के काम को अंजाम दे सके।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि देश में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सारे फैसले ले रहे हैं। यह देश के लिए अच्छी परंपरा नहीं है और अब इस बात का फैसला करना होगा कि कौन दर्द बांट रहा है और कौन दवा बांट रहा है।

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भाजपा हाईकमान पर साजिश रचने का आरोप

उन्होंने कहा कि कोरोना संकट काल में भाजपा हॉर्स ट्रेडिंग के काम में लगी हुई है और उसे कोरोना महामारी की कोई चिंता ही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि राजस्थान की दो राज्यसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की विजय होगी और इस बारे में किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। उन्होंने भाजपा हाईकमान पर राजस्थान में सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया।

पायलट ने किया यह दावा

राज्य के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का दावा है कि कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में राजस्थान से अपने दोनों उम्मीदवारों को जिताने में कामयाब होगी। उनका कहना है कि सभी विधायक एकजुट हैं और आगे भी उनकी एकजुटता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से हम तीन महीने से विधायकों से नहीं मिल पाए थे और अब सभी विधायकों से मुलाकात करके उनके मन की बात सुनी जा रही है।

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भाजपा का गहलोत पर पलटवार

राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पुनिया ने गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को अनर्गल बातें बोलने की आदत पड़ गई है। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे हुए व्यक्ति को इस तरह की अनर्गल बातें नहीं करनी चाहिए। उनके बयानों से बौखलाहट, निराशा और हताशा साफ झलक रही है।

कांग्रेस को ठुकराने वालों का स्वागत

उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस में तोड़फोड़ की कोशिश में नहीं लगे हैं मगर जो पीएम मोदी की नीतियों में विश्वास रखता है और कांग्रेस की नकारा सरकार को ठुकराना चाहता है, हम उसका स्वागत भी करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बीजेपी पर आरोप जरूर लगा रही है मगर उसको भी पता है कि उसका घर सुरक्षित नहीं है। उसे अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है। उसे खुद अपना घर बचाना चाहिए।

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