लॉकडाउन का असर क्राईम पर: जानकर आप भी दंग रह जायेंगे, इतने प्रतिशत कम हुए मामले
यह कमी देश में हुए लॉकडाउन के कारण दिल्ली सहित 10 राज्यों की राजधानियों में देखने को मिल रही है। सड़क पर होने वाले अपराध, सेंधमारी, वाहन चोरी जैसे हर अपराध बिल्कुल ही कम हो गए हैं। इसकी एक वजह सड़क पर तैनात भारी पुलिसबल है।
नई दिल्ली: एक तरफ देश में जहां कोरोना वायरस का डर लोगों को घरों में रहने के लिए मजबूर कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना के खौफ की वजह से देशभर में हत्या-दुष्कर्म जैसे अपराधों की दर में 90 प्रतिशत तक की कमी आई है। यह कमी देश में हुए लॉकडाउन के कारण दिल्ली सहित 10 राज्यों की राजधानियों में देखने को मिल रही है। सड़क पर होने वाले अपराध, सेंधमारी, वाहन चोरी जैसे हर अपराध बिल्कुल ही कम हो गए हैं। इसकी एक वजह सड़क पर तैनात भारी पुलिसबल है।
दिल्ली सहित 10 राज्यों की राजधानियों में कम हुए आपराधिक मामले
इसके अलावा सड़क दुर्घटनाओं में भी 95 प्रतिशत तक की कमी आई है। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद से तीन अप्रैल तक इन दो हफ्तों में नए तरह के मामले दर्ज हुए हैं उनमें पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट, मास्क और सैनिटाइजर की जमाखोरी, लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करना, विदेश से आने की जानकारी छिपाना और फर्जी खबरें फैलाने वाले के खिलाफ की गई कार्रवाई शामिल है।
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जयपुर में रोजाना औसतन 75 मामले दर्ज होते हैं लेकिन पिछले दो हफ्तों में केवल 132 मामले ही दर्ज हुए हैं। यहां रोजाना केवल 9.4 केस दर्ज किए गए हैं। जिसमें ज्यादातर लॉकडाउन का उल्लंघन करने से संबंधित हैं। अमूमन हर राज्य की राजधानी में इसी तरह की स्थिति बनी हुई है।
मामले ऑनलाइन दर्ज कराने की सुविधा
दिल्ली में सबसे ज्यादा वाहन चोरी के मामले दर्ज हुए हैं। इस पर दिल्ली पुलिस के एसीपी अनिल मित्तल का कहना है कि घर में चोरी और वाहन चोरी जैसे मामले ऑनलाइन दर्ज कराने की सुविधा है।
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छत्तीसगढ़ में धारा 144 के उल्लंघन के अलावा विदेश से आने की जानकारी छिपाने, फर्जी न्यूज, गोपनीय जानकारी साझा करने और कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर किराएदार को घर से निकालने के मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं अहमदाबाद में ऐसा पहली बार हुआ है जब पुलिस ने निषेधाज्ञा उल्लंघन के मामले में 960 मामले दर्ज करके 2960 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।