नई दिल्ली : एडमिरल सुनील लांबा ने नए नौसेना प्रमुख के रुप में मंगलवार को कमान संभाली और देश के समुद्री सीमा क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का संकल्प लिया। 58 साल के लांबा के पास नौसेना प्रमुख के रुप में तीन साल का कार्यकाल होगा।
बता दें, कि लांबा ने एडमिरल आर के धवन के रिटायर होने के बाद नौसेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली है। सरकार ने सुनील लांबा को 6 मई, 2016 को नौसेना की कमान देने का फैसला किया था।
नेविगेशन और डायरेक्शन के विशेषज्ञ हैं एडमिरल सुनील लांबा
-एडमिरल सुनील लांबा का जन्म 17 जुलाई 1957 को पलवल (हरियाणा) के गांव अमरपुर में हुआ था।
-1 जनवरी 1978 को लांबा ने नौसेना ज्वॉइन की।
-लांबा की पत्नी का नाम रीना है। इनके एक बेटा और दो बेटियां हैं।
-सुनील लांबा नेविगेशन और डायरेक्शन के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
-लांबा परम विशिष्ट सेवा मेडल समेत कई पदकों से सम्मानित हो चुके हैं।
संभाल चुके हैं चार जंगी जहाज की कमान
-डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के पूर्व स्टूडेंट लांबा नौसेना प्रमुख बनने वाले 21वें भारतीय हैं।
-इससे पहले दो नौसेना प्रमुख ब्रितानी थे।
-लांबा चार जंगी जहाज आईएनएस काकीनाडा, आईएनएस हिमगिरि, आईएनएस रणविजय और आईएनएस मुंबई की कमान संभाल चुके हैं।
-इन्होंने आईएनएस सिंधुदुर्ग और आईएनएस दुनागिरी में बतौर नेवीगेटिंग ऑफिसर सेवाएं दीं।
-नौसेना चीफ बनने के पहले लांबा पश्चिमी कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ थे।
पदभार संभालने के बाद एडमिरल लांबा ने कहा
दिल्ली के साउथ ब्लॉक में आयोजित समारोह में पदभार संभालने के बाद एडमिरल लांबा ने कहा कि भारतीय समुद्री सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनका प्राथमिक कर्तव्य होगा। विश्व में सबसे अच्छी नौसेनाओं में शुमार भारतीय नौसेना की कमान संभालना वास्तव में सम्मान और सौभाग्य की बात है।
उन्होंने कहा नौसेना में सेवाएं देने वाले पुरूष और महिलाएं पेशेवर रुप से प्रशिक्षित, प्रतिबद्ध और देशभक्त हैं। वे यह सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं कि हमारे राष्ट्रीय हितों की किसी भी जगह, किसी भी समय और हर जगह रक्षा की जाए।