तबाही से रोएगा भारत: रहना होगा हम सभी को सावधान, खतरनाक नया स्ट्रेन

भारत में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। बीते 28 दिन बाद कोरोना के नए मामलों ने 14 हजार के आंकड़े को पार कर लिया है। ऐसे में अब कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब एक और बुरी खबर आई है।

Update:2021-02-21 11:14 IST
भारत में कोरोना वायरस के प्रति हर्ड इम्‍युनिटी बनने की बात एक मिथक है। देश की 80 फीसदी आबादी में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी डेवलेप होनी चाहिए।

नई दिल्ली: वैक्सीन आने के बाद भारत में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। बीते 28 दिन बाद कोरोना के नए मामलों ने 14 हजार के आंकड़े को पार कर लिया है। ऐसे में अब कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब एक और बुरी खबर आई है। इस बारे में एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ( Randeep Guleria) ने आशंका जाहिर करते हुए कहा है कि भारत (India) में कोरोना का नया स्‍ट्रेन (Strains) पहले से काफी ज्‍यादा संक्रामक हो सकता है।

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पहले से ज्‍यादा खतरनाक वायरस

कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में डॉ. गुलेरिया ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के प्रति हर्ड इम्‍युनिटी बनने की बात एक मिथक है, क्‍योंकि इसके लिए देश की 80 फीसदी आबादी में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी डेवलेप होनी चाहिए।

इस बारे में डॉ. गुलेरिया का कहना है कि महाराष्‍ट्र में जिस तरह से कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं उसे देखने के बाद हम कह सकते हैं कि ये पहले से ज्‍यादा खतरनाक वायरस है। आगे उन्‍होंने कहा कोरोना का नया स्‍ट्रेन संक्रमण से उबर चुके मरीजों पर भी दोबारा हमला कर सकता है। जिनमें चाहे पहले से एंटीबॉडी क्‍यों न पैदा हो गई हो।

फोटो-सोशल मीडिया

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नए स्‍ट्रेन के कारण

ऐसे में महाराष्‍ट्र में कोविड टास्‍कफोर्स के सदस्‍य डॉ. शशांक जोशी के अनुसार, राज्‍य में कोरोना के 240 नए स्ट्रेन देखे गए हैं। महाराष्‍ट्र में तेजी ये बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले इन्‍हीं नए स्‍ट्रेन के कारण सामने आए हैं।

ध्यान देने की बात है कि महाराष्ट्र के अलावा चार अन्‍य राज्यों - केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में सरकार वैक्सीनेशन के जरिए कोरोना संक्रमण की चेन तोड़कर हर्ड इम्यूनिटी पैदा करने की कोशिश कर रही है।

इसीलिए इसी कड़ी में पहले चरण में तीन करोड़ हेल्थ वर्करों को टीका दिया जाना है। और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के या गंभीर बीमारियों से ग्रसित 27 करोड़ लोगों को यह टीका दिया जाएगा।

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