'क्या मैं बाबर-जिन्ना-औरंगजेब का प्रवक्ता हूं', राम मंदिर पर बहस के दौरान लोकसभा में ओवैसी बोले- बाबरी मस्जिद जिंदाबाद

Parliament Budget Session 2024: राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी मस्जिद जिंदाबाद के नारे लगाए।

Report :  aman
Update: 2024-02-10 10:31 GMT

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Social Media)

Parliament Budget Session 2024: संसद के बजट सत्र में अयोध्या राम मंदिर के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शनिवार (10 फ़रवरी) को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन औवेसी (Asaduddin Owaisi) ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। ओवैसी ने कहा, 'बाबरी मस्जिद जिंदाबाद..बाबरी मस्जिद जिंदाबाद... मस्जिद थी, है और रहेगी।'

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाने साधते हुए असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi in Parliament) ने पूछा, 'क्या मोदी सरकार सिर्फ एक मजहब की सरकार है? क्या मोदी सरकार सिर्फ हिंदुत्व की सरकार है? क्या देश का कोई मजहब है? देश का कोई मजहब नहीं है। मुसलमानों को क्या पैगाम दे रहे हैं आप?' इन सवालों के साथ ओवैसी के तेवर काफी तल्ख़ थे।

1992, 2019, 2022 में मुस्लिम को धोखा दिया गया

अयोध्या राम मंदिर का जिक्र करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'मोदी सरकार सिर्फ एक मजहब की सरकार है, या पूरे देश के धर्मों को मानने वाली सरकार है? उन्होंने कहा, 22 जनवरी का जश्न मनाकर आप करोड़ों मुसलमानों को क्या संदेश दे रहे हैं? क्या सरकार यह संदेश देना चाहती है कि, एक धर्म ने दूसरे पर विजय प्राप्त की? आप देश के 17 करोड़ मुसलमानों को क्या संदेश देते हैं? उन्होंने कहा, 1992 (बाबरी मस्जिद विध्वंस), 2019 और 2022 में मुसलमानों को धोखा दिया गया। इस दौरान ओवैसी ये भी बोले, मैं बाबर, औरंगजेब, जिन्ना का प्रवक्ता नहीं हूं।'

आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने पर उठाए सवाल

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को भारत रत्न दिए जाने पर सवाल उठाए। इस दौरान संसद में तीखी बहस भी देखने को मिली। राम मंदिर पर चर्चा के दौरान ओवैसी ने संसद में कहा, 'अभी एक सांसद ने कहा कि जिस वक्त 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद गिराई जा रही थी, उस वक्त नरसिम्हा राव पूजा कर रहे थे। लालकृष्ण आडवाणी का जिक्र करते हुए ओवैसी बोले, जिस व्यक्ति ने रथ यात्रा निकाली, उसे देश का सर्वोच्च सम्मान दिया गया। यह ये दिखाता है कि सरकार किस तरह खड़ी है। इंसाफ जिंदा है या फिर जुल्म को बरकरार रखा जा रहा है।'

6 दिसंबर की घटना का जश्न मना रही सरकार

असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा, 16 दिसंबर, 1992 को संसद में एक प्रस्ताव पारित कर कहा गया था कि किस तरह से विश्व हिन्दू परिषद (VHP), बजरंग दल (Bajrang Dal) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने देश में सांप्रदायिकता फैलाई और मस्जिद को गिराया गया। इस लोकसभा में मस्जिद गिराने की निंदा हुई थी। आज यही सरकार 6 दिसंबर की जो घटना हुई, उसका जश्न मना रही है। इस पर सभापति राजेंद्र अग्रवाल (Rajendra Agarwal) ने कहा कि, 'राम मंदिर पर फैसला सुप्रीम कोर्ट के जरिए किया गया। इसके बाद ही मंदिर निर्माण संभव हुआ।'

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