Mirage 2000: जानिए क्या है मिराज 2000 लड़ाकू जेट

Mirage 2000: मिराज 2000 फाइटर जेट पहली बार साल 1985 में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बना था। भारतीय वायुसेना के पास 50 मिराज 2000 फाइटर जेट हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-01-28 13:34 IST

Mirage 2000 crashed (photo: social media )

Mirage 2000: मध्य प्रदेश में आज क्रैश हुआ मिराज 2000 लड़ाकू विमान फ़्रांस की डसाल्ट कंपनी द्वारा डेवलप किया गया है। ये वही कंपनी है जिसने रफ़ाल लड़ाकू विमान बनाया है। शुरूआती समय में कुछ मिराज 2000 विमान डसाल्ट से पूरी तरह निर्मित लिए गए थे पर बाद में भारत स्वयं इसका निर्माण करने लगा। भारतीय वायु सेना ने इस विमान को वज्र नाम दिया है। इस लड़ाकू विमान द्वारा भारत में 14 फरवरी 2019 के पुलवामा हमले के बाद 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रशिक्षण केन्द्र को तबाह कर दिया था। करगिल युद्ध में मिग-21 के साथ मिराज-2000 विमानों ने भी अहम भूमिका निभाई थी।

1985 में हुआ वायु सेना में शामिल

मिराज 2000 फाइटर जेट पहली बार साल 1985 में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बना था। भारतीय वायुसेना के पास 50 मिराज 2000 फाइटर जेट हैं। सिंगल शाफ्ट इंजन से लैस यह विमान सिंगल सीटर है। यह फाइटर जेट 2495 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। राडार की पकड़ में न आने वाला मिराज-2000 एक साथ हवा से जमीन और हवा से हवा में भी मार करने में सक्षम है।

- मिराज-2000 की लंबाई 47 फ़ीट और वज़न 7,500 किलो है।

- मिराज-2000 13,800 किलो गोला बारूद के साथ 2,336 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से उड़ सकता है।

- डबल इंजन वाला मिराज-2000, चौथी पीढ़ी का मल्टीरोल लड़ाकू विमान और माक 2 है।

- भारत ने पहली बार इसे 80 के दशक में ख़रीदने का ऑर्डर दिया था। साल 2015 में कंपनी ने अपग्रेडेड मिराज-2000 लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे। इन अपग्रेडेड विमानों में नए रडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगे हैं, जिनसे इन विमानों की मारक और टोही क्षमता में भारी इज़ाफ़ा हो गया है। आज की तारीख़ में नौ देशों की वायुसेना इस विमान का इस्तेमाल करती हैं।

लगे हैं दो इंजन

मिराज-2000 में जुड़वां इंजन हैं। सिंगल इंजन होने की वजह से लड़ाकू विमानों का वज़न कम होता है जिससे उनके मूवमेंट में आसानी होती है। लेकिन कई बार इंजन फेल होने से विमान के क्रैश होने की आशंका रहती है। ऐसी स्थिति में यदि लड़ाकू विमान में एक से अधिक इंजन हो तो एक इंजन फेल होने पर दूसरा इंजन काम करता रहता है।

मल्टीपरपस विमान

मिराज-2000 विमान एक साथ कई काम कर सकता है। जहां एक ओर यह अधिक से अधिक बम या मिसाइल गिराने में सक्षम है। वहीं यह हवा में दुश्मन का मुक़ाबला भी आसानी से करने के योग्य है।

मिराज लड़ाकू विमान डीईएफए 554 ऑटोकैन से लैस है, जिसमें 30 मिमी रिवॉल्वर प्रकार की तोप हैं। ये तोप 1200 से लेकर 1800 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर कर सकते हैं। ये विमान एक बार में 6.3 टन तक गोला-बारूद ले जाने में सक्षम है। ये विमान आसमान से आसमान में मार करने वाली और आसमान से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइलें, लेज़र गाइडेड मिसाइलें और न्यूक्लीयर क्रूज़ मिसाइलें ले जाने में सक्षम है।

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