राफेल डील पर जेटली- विपक्ष बिना किसी ठोस सबूत के इसपर सवाल उठाती रही
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर याचिकाएं क्या खारिज कीं सत्ताधारी दल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लेने का मौका मिल गया। वैसे हाल में हुए विधानसभा चुनावों में मिली हार से परेशान बीजेपी को कोर्ट का ये फैसला ठंडी फुहार जैसा लग रहा है।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर याचिकाएं क्या खारिज कीं सत्ताधारी दल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लेने का मौका मिल गया। वैसे हाल में हुए विधानसभा चुनावों में मिली हार से परेशान बीजेपी को कोर्ट का ये फैसला ठंडी फुहार जैसा लग रहा है। पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल गांधी को खरीखोटी सुनाई उसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर हमला कर दिया।
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जानिए क्या बोले जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राफेल सौदे से राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों की रक्षा की गई। एनडीए की सरकार ने कांग्रेस की पिछली सरकार से किफायती दाम पर राफेल का सौदा किया था और इसे कई बार सदन के अंदर और बाहर दोहराया गया, लेकिन विपक्ष बिना किसी ठोस सबूत के इसपर सवाल उठाती रही।
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जेटली ने कहा, सवाल उठाने वालों लोगों में कुछ ऐसे लोग भी शामिल था। जिनका इस सौदे के साथ कॉन्फिल्क्ट ऑफ इंट्रेस्ट था। सरकार बार-बार कह चुकी थी, विमान की कीमत बताई जा सकती है। लेकिन इससे जुड़े हथियारों के बारे में जानकारी शेयर करना संभव नहीं है, क्योंकि यह राष्ट्रीय हित से जुड़ा मसला है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हमने सौदे से जुड़ी तमाम जानकारियों को कोर्ट से साझा किया, जिसके बाद यह सौदा बेदाग साबित हुआ।
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उन्होंने कहा, राष्ट्रीय हित से जुड़े मुद्दे पर सवाल उठाकर कांग्रेस ने देश की सुरक्षा हितों को खतरे में डालने का काम किया है। अगर यही हालात रहे, तो देश की सुरक्षा से संबंधित सौदे करने पर लोगों को 10 बार सोचना पड़ेगा, जिसका असर देश की सुरक्षा पर पडे़गा।
वित्त मंत्री ने कहा, ऑफसेट पार्टनर तय करने में दसॉल्ट को फैसला लेना था। अगर दसॉल्ट ने इसके लिए रिलायंस को चुना, तो इसमें भारत सरकार का क्या लेना-देना है। दसॉल्ट किसी भी कंपनी को अपना ऑफसेट पार्टनर चुनने के लिए स्वतंत्र है और इसपर सवाल उठाना बेकार की बात है।'
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