Lok Sabha Election: दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच डील फाइनल,इन राज्यों में भी हुआ दोनों दलों में गठबंधन
Lok Sabha Election: दोनों दलों की ओर से आयोजित साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर शनिवार को गठबंधन का आधिकारिक ऐलान किया।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच राजधानी दिल्ली समेत चार राज्यों में चुनावी गठबंधन तय हो गया है। दोनों दलों की ओर से इन चारों राज्यों में सीट बंटवारे का ऐलान कर दिया गया है। दोनों दल दिल्ली, हरियाणा, गोवा और गुजरात में मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली में आप चार और कांग्रेस तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। चंडीगढ़ लोकसभा सीट को लेकर भी दोनों दलों में समझौता हो गया है और इस सीट पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारेगी।
दोनों दलों की ओर से आयोजित एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चार राज्यों में चुनावी गठबंधन का ऐलान किया गया। हालांकि प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पंजाब का जिक्र नहीं किया गया और इससे साफ हो गया है कि पंजाब में दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बन सकी है।
दिल्ली में अपनाया 4-3 का फॉर्मूला
दिल्ली में आज आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस की ओर से मुकुल वासनिक, दीपक बाबरिया और अरविंदर सिंह लवली शामिल हुए जबकि आप की ओर से संदीप पाठक, सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने इसमें हिस्सा लिया। कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक ने कहा कि दिल्ली के चार सीटों पर आप चुनाव लड़ेगी जबकि बाकी बची तीन सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरेंगे। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी नई दिल्ली, पूर्व दिल्ली, पश्चिम दिल्ली और दक्षिण दिल्ली सीट पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस चांदनी चौक, नॉर्थ ईस्ट और नॉर्थ वेस्ट सीट पर चुनाव लड़ेगी।
2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल करते हुए आप और कांग्रेस को करारा झटका दिया था।
अब दोनों दलों ने दिल्ली में भाजपा की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इस बार दोनों दलों की ओर से भाजपा को कड़ी चुनौती पेश की जाएगी।
इन राज्यों में भी हुआ गठबंधन
मुकुल वासनिक ने बताया कि दिल्ली के अलावा हरियाणा, गुजरात, गोवा और चंडीगढ़ में भी दोनों दलों ने हाथ मिलाने का फैसला किया है। चंडीगढ़ में पहले आप की ओर से दावेदारी की जा रही थी मगर अब गठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है और कांग्रेस इस सीट पर अपना प्रत्याशी उतारेगी। गोवा की दोनों लोकसभा सीटों पर भी कांग्रेस को अपने प्रत्याशी उतारने का मौका मिलेगा। अब आप राज्य की किसी भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेगी।
हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट आप को मिली
हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं और इनमें से 9 सीटों पर कांग्रेस और एक लोकसभा सीट पर आप अपना प्रत्याशी उतारेगी। दोनों दलों के बीच गठबंधन में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट आप को देने का फैसला किया गया है जबकि बाकी बची सभी सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में उतरेंगे।
हरियाणा में मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस का जनाधार है मगर हाल के दिनों में आम आदमी पार्टी ने भी राज्य में अपनी जड़ें मजबूत बनानी शुरू की है। ऐसे में आप को सीट बंटवारे के तहत कुरुक्षेत्र की लोकसभा सीट दी गई है। हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के साथ ही दुष्यंत चौटाला और ओमप्रकाश चौटाला की पार्टियां भी मतदाताओं के बीच पैठ बनाने की कोशिश में जुटी हुई हैं।
गुजरात में आप को मिलेंगी दो सीटें
गुजरात में लोकसभा की 26 सीटें हैं। गुजरात को भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है और पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने राज्य की सभी सीटों पर जीत हासिल करते हुए कांग्रेस को करारा झटका दिया था। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा राज्य में अपनी ताकत दिखाने में कामयाब रही थी।
गुजरात में तय किए गए सीट बंटवारे के फॉर्मूले के तहत कांग्रेस 24 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी जबकि आम आदमी पार्टी को दो सीटें मिलेंगी। आप को भावनगर और भरूच लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।
हालांकि भरूच लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता अहमद पटेल के परिजनों ने तीखा विरोध जताया है। अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल इस लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी हुई है जबकि आप की ओर से घोषित प्रत्याशी ने भी इस लोकसभा क्षेत्र में अपना प्रचार शुरू कर दिया है।
पंजाब में नहीं हो सका दोनों दलों का गठबंधन
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दोनों दलों की ओर से पंजाब को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई। इससे साफ हो गया है कि पंजाब में दोनों दलों ने अपने-अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। कांग्रेस की प्रदेश इकाई की ओर से भी राज्य में आप के साथ चुनावी गठबंधन का तीखा विरोध किया जा रहा था।
कांग्रेस नेताओं ने मान सरकार पर पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से काम करने और उन्हें गिरफ्तार करने का आरोप लगाया था। इस तरह पंजाब में दोनों दलों के बीच गठबंधन की गुत्थी नहीं सुलझ सकी है और राज्य में दोनों दल अपनी-अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेंगे।