27 साल की ये विधायक: पिता हैं जेल में, अम्बा ने ऐसे संभाली विरासत

27 वर्षीय अम्बा प्रसाद ने इस चुनाव में जीत हासिल की है। उन्होंने आजसू प्रत्याशी रोशनलाल चौधरी को 30,140 मतों से हरा कर बड़कागांव सीट पर जीत हासिल की है।

Update:2019-12-24 16:12 IST
27 साल की ये विधायक: पिता हैं जेल में, अम्बा ने ऐसे संभाली विरासत

झारखंड: झारखंड में जेएमएम, कांग्रेस व राजद की गठबंधन सरकार बनने जा रही है। सोमवार को झारखंड विधानसभा की 81 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आए, जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाले तीन दलों के गठबंधन को बहुमत हासिल हुआ। गठबंधन ने 81 में से 47 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस चुनाव में सबकी निगाहें बड़कागांव सीट पर टिकी थी, जिसकी वजह यहां की कांग्रेस प्रत्याशी अम्बा प्रसाद थीं।

27 वर्षीय अम्बा प्रसाद ने इस चुनाव में जीत हासिल की है। उन्होंने आजसू प्रत्याशी रोशनलाल चौधरी को 30,140 मतों से हरा कर बड़कागांव सीट पर जीत हासिल की है। तो चलिए आपको बताते हैं अम्बा प्रसाद के बारे में कुछ दिलचस्प बातें-

दिल्ली में कर रही थीं UPSC की तैयारी

अम्बा प्रसाद ने बैचलर्स ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन करने के बाद ह्यूमन रिसोर्सेज में MBA और फिर लॉ की भी पढ़ाई की है। साल 2014 में अम्बा दिल्ली में UPSC की तैयारी में जुटी थीं। तभी अचानक उनके पिता की तबीयत खराब हो गई। फिर वो दिल्ली से बड़कागांव चली आईं और वापस दिल्ली नहीं लौटीं।

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2019 के लोकसभा चुनाव में मां का किया था प्रचार

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी मां निर्मला देवी की प्रतिनिधि बनकर चुनाव प्रचार किया। अम्बा प्रसाद का नाम उस वक्त लाइमलाइट में आया जब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इनके और साथ के अन्य कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए रैली की।

2009 में पिता ने इसी सीट पर हासिल की जीत

बता दें कि, बड़कागांव सीट पर जीत हासिल करने वाली अम्बा के पिता योगेंद्र साव ने साल 2009 में कांग्रेस के ही टिकट पर इस सीट पर जीत हासिल की थी। वो मंत्री भी बने। लेकिन उन पर कई आरोप लगे और वो जेल चले गए।

2014 में मां ने इसी सीट पर हासिल की जीत

इसके बाद साल 2014 में अम्बा की मां निर्मला देवी ने भी इसी सीट पर चुनाव लड़ा, वो भी कांग्रेस के टिकट पर ही। अम्बा की मां ने भी चुनाव जीता। अब साल 2019 में उसी सीट पर उनकी बेटी अम्बा ने भी जीत हासिल की। लगातार तीनों चुनावों में इस सीट पर इसी परिवार ने कब्जा जमाए रखा। अम्बा ने भी इस सीट पर जीत हासिल कर अपने पिता की विरासत को बखूबी संभाल लिया है। कहा जाता है कि, बड़कागांव सीट पर अम्बा के पिता योगेंद्र साव का काफी दबदबा है। यही नहीं वो बड़कागांव के बाहुबली भी कहे जाते हैं।

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पिता योगेंद्र साव पर 24 मुकदमे हैं दर्ज

बता दें कि, योगेंद्र साव पर लगभग 24 मुकदमे दर्ज हैं और वो रामगढ़ स्पंज आयरन फैक्ट्री से रंगदारी मांगे जाने के दोषी पाए गए थे। जिस पर झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई और फिर SC ने हाईकोर्ट के सजा को बरकरार रखा।

जानकारी के मुताबिक, अम्बा के माता-पिता दोनों साल 2016 में हुए कफन आंदोलन के दौरान लाइमलाइट में आए थे। दरअसल, NTPC ने खनन के लिए किसानों की जमीन ली थी, जिसका लोग अच्छा-खासा मुआवजा मांग रहे थे।

उस दौरान जो विरोध प्रदर्शन हुआ, उसने हिंसक रूप ले लिया और पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में 4 लोगों की जान चली गई। इस कांड को झारखंड में बड़कागांव गोलीकांड के नाम से जाना जाता है। मामले के बाद अम्बा की मां निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन गांववालों ने निर्मला देवी को जबरन पुलिस की कस्टडी से छुड़वा लिया। जब इस मामले की सुनवाई शुरु हुई तो मुकदमे पर वो कोई असर न डाल सके, इसलिए उनको तड़ीपार कर दिया गया।

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