मुंबई : सरकार को नई मुद्रा की छपाई व परिवहन में मदद करने के बाद सेना अब नोटबंदी के बाद बैंकों में आए पुराने नोटों को निपटाने में सरकार की मदद करेगी। सेना के सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने सेना से मुद्रा की जांच के लिए 15 टीमें देने के लिए कहा है। हालांकि, अधिकारियों ने इस काम में शामिल सैनिकों की सटीक संख्या का खुलासा नहीं किया है।
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यह साफ नहीं है कि निपटान के लिए कौन-सा तरीका अपनाया जाएगा। एक अधिकारी ने कहा, "इनकी तैनाती 26 मई तक पूरी हो जाएगी।" अधिकारी ने इस बात से इंकार किया कि सेना के जवान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सुरक्षा प्रदान करेंगे।
सरकार द्वारा लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी गई सूचना के अनुसार, जिस दिन नोटबंदी की घोषणा की गई, उस दिन करीब 8,58,253 करोड़ रुपये 500 रुपये के नोटों में व 6,85,782 करोड़ रुपये 1,000 रुपये के नोटों में थे।
जबकि आरबीआई ने कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है कि बैंकों में कितनी पुरानी मुद्रा आई। यह अनुमान किया गया है कि करीब 15 लाख करोड़ रुपये वापस आए हैं। यह प्रचलन में रहे 500 व 1000 रुपये के नोटों का करीब 95 फीसदी है।
नोटबंदी के बाद 500 रुपये व 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई में भारतीय सेना को बैंक नोट प्रेस द्वारा कर्मियों की कमी की वजह से बुलाया गया, ताकि 24 घंटे काम हो सके। भारतीय वायुसेना ने सी-130एस व सी-17 विमानों का इस्तेमाल कर नोटबंदी के बाद 600 टन से ज्यादा की नई मुद्रा की ढुलाई की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को 500 रुपये व 1000 रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी।