जेटली की जान लेने वाला सॉफ्ट टिशू कैंसर जानिए कितना है खतरनाक

पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया। वो लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे और 9 अगस्त से एम्स में भर्ती थे। कहा जाता है कि अरुण जेटली के बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर था और उसी की सर्जरी के लिए वो इसी साल जनवरी में अमरीका गए थे।

Update: 2019-08-24 14:32 GMT

नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया। वो लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे और 9 अगस्त से एम्स में भर्ती थे। कहा जाता है कि अरुण जेटली के बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर था और उसी की सर्जरी के लिए वो इसी साल जनवरी में अमरीका गए थे। अरुण जेटली किडनी की बीमारी से भी पीड़ित थे और पिछले साल ही उनका किडनी का प्रत्यारोपण हुआ था।

सॉफ्ट टीशू सरकोमा एक दुर्लभ तरह का कैंसर है। इसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। आइए जानते हैं क्या है सॉफ्ट टीशू सरकोमा कैंसर, उसके लक्ष्ण और कैसे बचाव करें...

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यह एक दुर्लभ तरह का कैंसर होता है। यह किसी व्यक्ति के शरीर के मौजूद टीशू में होता है। ये मांसपेशियों, वसा, ब्लड, नसों के साथ ज्वाइंट्स में हो जाता है। हमारे शरीर में कई तरह के सॉफ्ट टीशू ट्यूमर होते हैं हालांकि, सभी कैंसर नहीं होते हैं। लेकिन, जब ये सेल डीएनए के अंदर ट्यूमर के रूप में विकसित होने लगते हैं, तब ये शरीर के बाकी हिस्सों में भी फैलने लगते है।

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जिन ट्यूमर में कैंसर की आशंका होती है वो धीरे धीरे अनियंत्रित हो जाते हैं। इसे सॉफ्ट टिशू सरकोमा के नाम से जाना जाता है। ये बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है, लेकिन हाथ और पैरों की मांसपेशियों में ये आम तौर पर होती है।

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इस बीमारी के लक्षणों में मांसपेशियों में सूजन, हड्डियों में दर्द और लंबे समय से गांठ का बना होना है।

ऐसे करें बचाव

आपको इसका कोई भी लक्ष्ण दिखाई दे तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें। सबसे जरुरी है कि सॉफ्ट टीशू सरकोमा कैंसर के प्रकार के बारे में पता लगाया जाए। इसके लिए डॉक्टर आपके कई टेस्ट करेंगे। फिर वह इमेजिंग टेस्ट, बायोप्सी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी और ड्रग्स के जरिए इलाज कर सकते हैं।

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