Delhi : केजरीवाल सरकार का अधिकारियों को निर्देश- LG से सीधे आदेश लेना बंद करें, ये संविधान के खिलाफ

Delhi LG vs AAP : उपराज्यपाल की ओर से अधिकारियों को सीधे दिए जा रहे आदेश पर दिल्ली की AAP सरकार ने नाराजगी जाहिर की है। सभी विभागों के सचिवों को निर्देश जारी किए हैं।

Written By :  aman
Update:2023-02-24 18:44 IST

Arvind Kejriwal AND Delhi LG Vinai Kumar Saxena (Social Media)

Delhi LG vs AAP: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार और उपराज्यपाल के बीच तकरार लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसी की एक बानगी शुक्रवार (24 फ़रवरी) को तब देखने को मिली जब आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने उपराज्यपाल की ओर से सीधे अधिकारियों को आदेश दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की। दिल्ली सरकार ने इसे संविधान और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले का उल्लंघन बताया। दिल्ली की मुख्यमंत्री केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे संबंध में अधिकारियों के लिए नया निर्देश जारी किया है। 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने निर्देश में अधिकारियों से साफ-साफ कहा है कि उपराज्यपाल से सीधे आदेश लेना बंद करें। सरकार की तरफ से जारी निर्देश में अधिकारियों को ये भी कहा गया कि, ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स यानी TBR का सख्ती से पालन किया जाए। दिल्ली की AAP सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग के सचिवों को इस बारे में निर्देश जारी किये हैं।

क्या कहा है निर्देश में?

दिल्ली सरकार की तरफ से सभी विभाग के सचिवों (Secretaries) को जारी निर्देश में ये भी कहा गया है, कि यदि दिल्ली के उपराज्यपाल किसी भी अधिकारी को सीधे तौर पर कोई आदेश देते हैं, तो इसे अधिकारी विभाग के संबंधित मंत्री को तुरंत रिपोर्ट करें। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने इस संबंध में कहा है कि, 'उपराज्यपाल संविधान और सुप्रीम कोर्ट (Constitution and Supreme Court) के फैसले का उल्लंघन कर चुनी हुई, सरकार को दरकिनार कर सचिवों को सीधा आदेश जारी कर रहे हैं।'

..आदेश TBR के नियम के खिलाफ

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा, 'उपराज्यपाल की ओर से असंवैधानिक तरीके से सीधे-सीधे आदेश दिए जा रहा हैं। इस तरह के आदेश को लागू करना TBR के नियम- 57 का सरासर उल्लंघन माना जाएगा। सिसोदिया ने साफ-साफ कहा, उपराज्यपाल की तरफ से दिया जाने वाला ऐसा कोई भी आदेश, संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है।' 

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