Congress President Election: गहलोत अब खुलकर मैदान में उतरे, राहुल को मनाने में नाकामी के बाद खत्म किया कंफ्यूजन 

Congress President Election: राहुल गांधी को मनाने की बात करने वाले अशोक गहलोत ने अब अपने नामांकन का ऐलान कर दिया है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2022-09-23 13:56 IST

अशोक गहलोत (Pic : Social Media)                                                                                                        

Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में अभी तक तो राहुल गांधी को मनाने की बात करने वाले अशोक गहलोत ने अब अपने नामांकन का ऐलान कर दिया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने आज कहा कि राहुल गांधी ने अब यह स्पष्ट कर दिया है कि इस बार गांधी परिवार का कोई भी व्यक्ति कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव मैदान में नहीं उतरेगा। गहलोत ने खुद गुरुवार को केरल में राहुल गांधी को फिर पार्टी की कमान संभालने के लिए मनाने की कोशिश की थी मगर वे अपने प्रयास में नाकाम रहे।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के तैयार न होने के कारण अब मैंने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उतरने का फैसला कर लिया है। मैं जल्द ही अपने नामांकन की तारीख का ऐलान करूंगा। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 24 से 30 सितंबर तक नामांकन होना है और कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि गहलोत पहले दिन यानी 24 सितंबर को नामांकन दाखिल कर सकते हैं।

गहलोत की दावेदारी क्यों सबसे मजबूत 

गहलोत ने दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद केरल में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गुरुवार को राहुल गांधी से मुलाकात की थी। अभी तक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर यही बयान देते रहे हैं कि राहुल गांधी को यह बड़ी जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने खुद इस बाबत गुरुवार को आखिरी कोशिश की मगर राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि वे अध्यक्ष पद की रेस में शामिल नहीं होंगे। राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि गांधी परिवार से जुड़ा हुआ कोई भी व्यक्ति अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल नहीं करेगा।

राहुल को मनाने में मिली इस नाकामी के बाद अब गहलोत ने पहली बार इस स्पष्ट रूप से अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने का ऐलान किया है। गांधी परिवार के चुनाव मैदान में न उतरने के कारण अब गहलोत की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि गांधी परिवार का समर्थन और आशीर्वाद गहलोत के ही साथ है। इसलिए गहलोत का कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। 

अब मुख्यमंत्री पद को लेकर होगी खींचतान 

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन के साथ ही गहलोत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को छोड़ने का स्पष्ट संकेत भी दिया है। राहुल गांधी ने भी गुरुवार को केरल में एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता कायम रखने की बात कही थी। पहले दोनों पद संभालने की वकालत करने वाले गहलोत ने अब राहुल का रुख जानने के बाद सीएम पद की जिम्मेदारी छोड़ने का फैसला किया है। हालांकि उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। 

उन्होंने कहा कि राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री के बारे में फैसला सोनिया गांधी और प्रदेश प्रभारी की ओर से लिया जाएगा। हालांकि कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि गहलोत अपने उत्तराधिकारी के रूप में विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी को देखना चाहते हैं। राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से छत्तीस का आंकड़ा होने के कारण गहलोत जोशी की वकालत करने में जुटे हुए हैं। राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर गहलोत और सचिन पायलट गुट में खींचतान तेज होने की आशंका है।

आम सहमति से चुनाव होना मुश्किल 

वैसे कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर चल रही खींचतान के कारण आम सहमति से अध्यक्ष का चुनाव होना मुश्किल माना जा रहा है। गहलोत के अलावा केरल के सांसद और पूर्व मंत्री शशि थरूर और मनीष तिवारी के नाम चर्चाओं में हैं। दिग्विजय सिंह को लेकर तस्वीर अभी पूरी तरह साफ नहीं हो सकी है। दिग्विजय सिंह भी इन दिनों दिल्ली में है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से लगातार मंथन करने में जुटे हुए हैं। 

एक न्यूज़ चैनल से बातचीत के दौरान दिग्विजय ने अपना नाम खारिज न किए जाने की बात कही थी। अब दिग्विजय के आगामी क़दम पर भी सबकी निगाहें लगी हुई हैं। वैसे आम सहमति से चुनाव न होने की स्थिति में गहलोत की दावेदारी को ही सबसे मजबूत माना जा रहा है। 22 साल बाद यह पहला मौका होगा जब गांधी परिवार से इतर कोई नेता कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालेगा। 

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